उत्तराखंड: हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की जन्म स्थली में सफल पौध रोपण कार्यक्रम
पौड़ी: उत्तराखंड की प्रकृति एवं संस्कृति के समन्वयक हरेला पर्व के शुभ अवसर पर आज विकास खंड कल्जीखाल स्थित गढ़वाल राजा के सेनापति वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली मूसा की नाव में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी एवं वन सिविल सोयम सतपुली प्रभाग के सहयोग से पौध रोपण कार्यक्रम में किया गया। जिसमें […] The post हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली में किया गया पौध रोपण कार्यक्रम appeared first on Devbhoomisamvad.com.

उत्तराखंड: हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की जन्म स्थली में सफल पौध रोपण कार्यक्रम
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में हरेला पर्व के अवसर पर पौध रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सामुदायिक एकता और पर्यावरण संरक्षण की भावना देखी गई।
पौड़ी: उत्तराखंड की प्रकृति और संस्कृति के समन्वयक हरेला पर्व के अवसर पर आज विकास खंड कल्जीखाल में पौध रोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गढ़वाल राजा के सेनापति वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली मूसा की नाव में आयोजित हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी और वन सिविल सोयम सतपुली प्रभाग द्वारा इसे सहयोग प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने उत्साह से भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
यह पौध रोपण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समुदाय के सदस्यों को एकजुट करने का एक साधन भी है। हरेला पर्व, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के लिए मनाया जाने वाला एक पारंपरिक पर्व है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जनसमुदायों को पेड़ लगाने के महत्व के बारे में जागरूक करना था।
कार्यक्रम में प्रमुख व्यक्तित्व जैसे पीएलवी जगमोहन डांगी, डिप्टी रेंजर मदन सिंह, वन दरोगा मनोज उनियाल, और अन्य महत्त्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने मिलकर पौधारोपण किया, जो सामुदायिक भावना और सहभागिता का प्रतीक है।
ग्राम पंचायत डांगी का योगदान
ग्राम पंचायत डांगी में भी हरेला पर्व को धूमधाम से मनाया गया। पूर्व प्रधान भगवान सिंह चौहान की अध्यक्षता में महिलाओं ने पंचायत भवन के आसपास के प्राकृतिक स्रोतों में पेड़ लगाए। इस कार्य में महिला मंगल दल की अध्यक्ष नीतू लिंगवाल सहित कई जागरूक सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
महिलाओं की भागीदारी
महिलाओं की भागीदारी इस कार्यक्रम में विशेष महत्व रखती है। उन्होंने न केवल पौधारोपण किया, बल्कि इस कार्य को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया। इससे महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी महत्व संप्रेषित हुआ। यह पहल दीर्घकालिक पर्यावरणीय बदलाव लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष
हरेला पर्व का यह पौध रोपण कार्यक्रम न केवल पौड़ी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह समूचे उत्तराखंड में पौधारोपण की संस्कृति को बढ़ावा देने का भी प्रयास है। ऐसे कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ावा देते हैं।
इस कार्यक्रम की सफलता ने सिद्ध कर दिया है कि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हम अपने पर्यावरण के प्रति महसूस की जाने वाली जिम्मेदारियों को समझ सकते हैं और उन्हें निभा सकते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक पेड़ लगाएं और इसके साथ एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
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