एमडीडीए का अनूठा कदम – आपदा राहत कोष में वेतन का योगदान

जनहित में मिसाल बना एमडीडीए – उत्तरकाशी व चमोली आपदा पीड़ितों की मदद को अधिकारियों ने दिया एक दिन का वेतन देहरादून। उत्तरकाशी के धराली और चमोली जिले के थराली क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने एक सराहनीय पहल की […] The post एमडीडीए की अनूठी पहल – आपदा राहत कोष में जाएगा एक दिन का वेतन appeared first on Uttarakhand News Update.

Oct 1, 2025 - 09:53
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एमडीडीए का अनूठा कदम – आपदा राहत कोष में वेतन का योगदान

एमडीडीए का अनूठा कदम – आपदा राहत कोष में वेतन का योगदान

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कम शब्दों में कहें तो, मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने हाल ही में उत्तरकाशी और चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के लिए अपने एक दिन के वेतन का योगदान देने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल आर्थिक मदद है, बल्कि यह सामाजिक संवेदना और एकजुटता का प्रतीक भी है।

देहरादून। उत्तरकाशी के धराली और चमोली जिले के थराली क्षेत्र में हाल में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने वहां के निवासियों को गंभीर संकट में डाल दिया है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनज़र, मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने एक सराहनीय पहल की है। प्राधिकरण के सभी नियमित अधिकारी और कर्मचारी अपने सितंबर माह के एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान करने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल आर्थिक सहायता के रूप में सामने आया है, बल्कि यह एक सामूहिक संवेदना और सहायता भावना भी दर्शाता है।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा, “यह योगदान केवल एक वित्तीय मदद नहीं है बल्कि आपदा से पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी संवेदना और एकजुटता का प्रतीक है। इस विकट घड़ी में हम सभी की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि हम उनके प्रति सहानुभूति दिखाएं।” उनके अनुसार, इस एक छोटे योगदान से भी पीड़ित परिवारों को यह विश्वास दिलाने में मदद मिलेगी कि पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है।

प्राधिकरण द्वारा एकत्रित की गई राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में जमा की जाएगी, जिसका उपयोग आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, जस्ती चादरें और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने में किया जाएगा। तिवारी ने यह भी कहा कि, “आपदा के समय में जब लोग सहायता की अपेक्षा रखते हैं, तब सरकारी संस्थानों का योगदान समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।” उनकी दलील है कि यह कदम दर्शाता है कि संकट की घड़ी में सत्ता संरचनाएं भी जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं।

एमडीडीए की इस पहल को विभिन्न सामाजिक और प्रशासनिक वर्गों द्वारा सराहा जा रहा है। वास्तव में, यह उदाहरण अन्य सरकारी संस्थाओं के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। ऐसे समय में जब लोग मुश्किलों का सामना कर रहे होते हैं, सरकार और इसके अंगों का सक्षम व्यवहार और सहायता भाव समाज में एक नई ऊर्जा भर सकता है।

इस पहल के माध्यम से न केवल पीड़ितों को राहत मिल सकेगी बल्कि यह भी साबित होगा कि संकट की घड़ी में हम सभी एक साथ खड़े हो सकते हैं। प्रभावी सहयोग और सामूहिक प्रयास से ही हम समाज में स्थायी बदलाव ला सकते हैं।

अंतिम में, हम सभी से अपील करते हैं कि इस तरह की पहल का समर्थन करें और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए आगे आएं। ऐसा कर हम सभी मानवता की सेवा में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

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साथ में, हम मिलकर इस मुश्किल वक्त का सामना कर सकते हैं।

— टीम PWC News

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