देश के 109 नए आईएफएस अधिकारियों का दीक्षांत समारोह - इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून
देहरादून : इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षणरत 2023 बैच के भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों का दीक्षांत समारोह 30 जुलाई 2025 को दीक्षांत गृह, वन अनुसंधान संस्थान में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन, अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग मुख्य अतिथि के रूप में शामिल और परिवीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र तथा […] The post देश को मिले 109 आईएफएस अफसर, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में आयोजित हुआ दीक्षांत समारोह appeared first on Devbhoomisamvad.com.

देश के 109 नए आईएफएस अधिकारियों का दीक्षांत समारोह - इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून
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देहरादून: भारतीय वन सेवा (IFS) के 2023 बैच के 109 प्रशिक्षुओं का महत्वपूर्ण दीक्षांत समारोह 30 जुलाई 2025 को इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में आयोजित किया गया। यह समारोह दीक्षांत गृह, वन अनुसंधान संस्थान में संपन्न हुआ। इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन, जो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने नए अधिकारियों को प्रमाणपत्र और पदक वितरित किए।
समारोह की महत्वपूर्ण बातें
इस दीक्षांत समारोह में नए अधिकारियों को उनके सफल करियर की शुरुआत पर बधाई दी गई। न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि ये युवा अधिकारी भविष्य में भारत के वनों के संरक्षण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। डॉ. जगमोहन शर्मा, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक, ने बताया कि यह संस्थान अब तक स्वतंत्र भारत के सभी भारतीय वन सेवा अधिकारियों और 14 अन्य मित्र देशों के 367 वन अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है।
प्रशिक्षण का संरचना
इस बैच में 109 भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों में 2 भूटानी प्रशिक्षु भी शामिल हैं। खास बात यह है कि इस बैच में 22 महिला आईएफएस प्रशिक्षु अधिकारियों का समावेश है। इस वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होने की दर पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर रही, जिसमें 50 अधिकारियों ने 75% से अधिक अंक प्राप्त कर ऑनर्स डिप्लोमा हासिल किया। यह दर्शाता है कि ये युवा अधिकारी वानिकी और शासन के विभिन्न पहलुओं पर गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
मुख्य अतिथि का संदेश
न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन ने अपने दीक्षांत भाषण में प्रशिक्षुओं को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि भारतीय वन सेवा का प्रशासनिक दायित्व केवल कार्य को पूरा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें नैतिक और कानूनी प्रतिबंध भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारी को अपने कर्तव्यों और भूमिकाओं के प्रति सजग रहना चाहिए, क्योंकि समय के साथ ये भूमिकाएं बदल सकती हैं।
उत्कृष्टता की पहचान
समारोह में विशेष उपलब्धियों के लिए विधियों और पदकों द्वारा सम्मानित किया गया। केरल से संबंधित श्री मिधुनमोहन एस.बी. ने इस बैच में भव्यता हासिल की और टॉपर की उपाधि प्राप्त की। न्यायमूर्ति ने अपने भाषण में "सत्यं वद, धर्मम् चर" के सिद्धांत को अपनाने का महत्व बताया, जिससे अधिकारी अपने कार्यकाल के अंत में आत्म संतुष्टि प्राप्त कर सकें।
निष्कर्ष
इस दीक्षांत समारोह के माध्यम से भारत को 109 नए आईएफएस अधिकारी प्राप्त हुए हैं, जो हमारे वनों की सुरक्षा और संरक्षण में एक नया अध्याय लिखेंगे। ये युवा अधिकारी समाज सेवा में अपनी निष्ठा और समर्पण से कार्य करने का संकल्प लेते हैं। यह नई पीढ़ी न केवल वनों की सुरक्षा में, बल्कि समाज की समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देने का प्रयास करेगी।
इस अवसर पर विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने नए अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कम शब्दों में कहें तो, यह दीक्षांत समारोह एक विशेष अवसर था, जहां 109 नए आईएफएस अधिकारियों ने अपनी यात्रा की शुरुआत की। यही नहीं, ये अधिकारी न केवल वनों की सुरक्षा करेंगे, बल्कि समाज और निर्माता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाएंगे। इसके साथ ही, अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
सादर,
टीम PWC News
अनामिका शर्मा
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