राधिका को मिला शिक्षा का नया अवसर, DM स्वाति भदौरिया की प्रभावी पहल से खुला दरवाजा

पौड़ी गढ़वाल:  जनपद में एक भावुक पल देखने को मिला, जब घुड़दौड़ी स्थित पाबौ मल्ला गांव की बालिका राधिका ने जिलाधिकारी गढ़वाल स्वाति एस. भदौरिया से अपनी पढ़ाई जारी रखने की गुहार लगाई। आर्थिक तंगी और पारिवारिक संकट के कारण उसकी शिक्षा रुकने की स्थिति में थी। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए […] The post राधिका की शिक्षा को मिले पंख, DM स्वाति भदौरिया की पहल से खुला उच्च शिक्षा का रास्ता appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Aug 23, 2025 - 18:53
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राधिका को मिला शिक्षा का नया अवसर, DM स्वाति भदौरिया की प्रभावी पहल से खुला दरवाजा

राधिका को मिला शिक्षा का नया अवसर, DM स्वाति भदौरिया की प्रभावी पहल से खुला दरवाजा

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पौड़ी गढ़वाल: हाल ही में, घुड़दौड़ी के पाबौ मल्ला गांव की बालिका राधिका का एक भावुक पल सामने आया। उसने जिलाधिकारी गढ़वाल, स्वाति एस. भदौरिया के पास पहुंचकर अपनी पढ़ाई को जारी रखने की गुहार लगाई, जो उस समय गंभीर संकट में थी। घर की आर्थिक तंगी और पारिवारिक समस्याओं के कारण उसकी पढ़ाई लगभग रुकने ही वाली थी।

जिलाधिकारी का संकल्प

जिलाधिकारी भदौरिया ने तुरंत ही राधिका के मामले को गंभीरता से लेते हुए “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” के तहत उसकी शिक्षा की सुनिश्चितता के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए। राधिका की शिक्षा के प्रति समर्पण और उसकी कठिनाइयों को समझते हुए, उन्होंने उसे स्नातक में एडमिशन दिलाने का निर्णय लिया।

राधिका को आवश्यक अध्ययन सामग्री भी प्रदान की गई है, और उसके पहले सेमेस्टर की 5000 रुपये की फीस भी जमा कर दी गई है। इसके तहत उसकी भविष्य की पढ़ाई का खर्च भी वहन किया जाएगा। यह कदम न केवल राधिका के लिए, बल्कि उन सभी बालिकाओं के लिए एक नई उम्मीद का प्रतीक है जो आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रही हैं।

एक व्यापक पहल

जिला कार्यक्रम अधिकारी, थपलियाल का कहना है कि यह पहल केवल राधिका के लिए ही नहीं है, बल्कि विभाग का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों की अन्य बालिकाओं को भी शिक्षा के साथ जोड़ना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राधिका के दाखिले की प्रक्रिया यह दर्शाती है कि समाज में सुधार की कितनी संभावनाएं हैं।

राधिका के पिता का निधन हो चुका है और उनकी मां मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करती हैं। इसके बावजूद, राधिका ने अपनी पढ़ाई में रुचि नहीं खोई है। उसने कहा, "2024 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद मुझे आर्थिक स्थिति के चलते आगे पढ़ाई नहीं कर पाने का डर था, लेकिन मेरी पढ़ाई जारी रखने की इच्छा हमेशा बनी रही।”

प्रेरणा की कहानी

इस अवसर पर, जिलाधिकारी भदौरिया ने प्रशासन के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि कोई भी प्रतिभावान बालिका आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।” उन्होंने आगे कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” के तहत राधिका का दाखिला कराया गया है, और वे इस प्रकार के प्रयासों में लगातार जुटे रहेंगे।

राधिका की कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो कठिनाइयों का सामना कर अपने सपनों को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा केवल एक अधिकार नहीं है, बल्कि हर बच्चे का सपना है।

इस तरह का कदम न केवल राधिका के भविष्य को उज्ज्वल बना रहा है, बल्कि यह सामाजिक दृष्टिकोण में भी बदलाव लाने का कार्य कर रहा है। For more updates, visit pwcnews.

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