हिमाचल और उत्तराखंड में मौसमी तबाही: राहत और सजगता की ज़रूरत

शिमला/ देहरादून। हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने फिर कहर बरपाया है। बीती रात कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला समेत पांच…

Aug 15, 2025 - 00:53
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हिमाचल और उत्तराखंड में मौसमी तबाही: राहत और सजगता की ज़रूरत

हिमाचल में बादल फटने से तबाही, उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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शिमला/देहरादून। हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने एक बार फिर से कहर बरपाया है। बीती रात कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला समेत पांच क्षेत्रों में बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस घटना के चलते कई पुल, मकान, दुकानें और वाहन बह गए हैं। 325 सड़कें, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, बंद कर दी गई हैं। हालाँकि, जान-माल के बड़े नुकसान की खबर नहीं है। वहीं, उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

हिमाचल में बादल फटने का मंजर

हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का पानी अचानक से बहने लगा, जिससे सप्तक पर्वत श्रृंखला में भय का माहौल छा गया। कुल्लू और किन्नौर में आई इस प्राकृतिक आपदा ने स्थानीय निवासियों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। विशेष रूप से किन्नौर के निचले इलाकों के निवासी तत्काल सरकारी सहायता की मांग कर रहे हैं। प्रशासनिक और राहत कार्यों में सक्रियता दिखाई दे रही है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश की स्थिति

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से जारी मूसलाधार बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सेब के बागों में खड़ी फसल को भी नुकसान पहुँचा है। इसके अलावा, बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन के मामले भी देखे गए हैं। इससे यातायात प्रभावित हो गया है और कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी बाधित हुई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा उपाय

प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। आपातकालीन सेवाएं सक्रिय की गई हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता सुनिश्चित की जा सके। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। इसके अलावे, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में अधिक बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है, जिससे हालात और भी बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है।

क्षेत्रवासियों से अपील

समाजसेवी संगठनों और स्थानीय प्रशासन ने निवासियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, तब तक लोगों को आवश्यक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता है। मद्देनजर, सभी को एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के कारण आई तबाही ने कई लोगों को कठिनाइयों में डाल दिया है। प्रशासन की तत्परता और समाजसेवी संगठनों के सहयोग से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है। हालाँकि, सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें एक साथ मिलकर इन चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता है।

कम शब्दों में कहें तो, हिमाचल और उत्तराखंड में मौसमी आपदाएँ लोगों के लिए गंभीर संकट पैदा कर रही हैं। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन सभी को सजग रहकर सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ने की आवश्यकता है। ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर भी जा सकते हैं: PWC News.

स दशा में बने रहने के लिए, सभी नागरिकों से निवेदन है कि सावधानी बरतें।

सादर,
टिम पीडब्ल्यूसी न्यूज़, सिया शर्मा

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