Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर पौधारोपण कार्यक्रम के तहत रोपा रुद्राक्ष का पौधा

प्रदेश में हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” थीम पर किया गया पौधा रोपण देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को Source

Jul 16, 2025 - 18:53
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Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर पौधारोपण कार्यक्रम के तहत रोपा रुद्राक्ष का पौधा

Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर पौधारोपण कार्यक्रम के तहत रोपा रुद्राक्ष का पौधा

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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हरेला पर्व के अवसर पर "धरती माँ का ऋण चुकाओ” के थीम पर राज्यव्यापी पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने रुद्राक्ष का पौधा रोपा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के नागरिकों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

हरेला पर्व: महत्व और उत्सव

हरेला पर्व, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का गहरा हिस्सा है, हर साल मनाया जाता है ताकि हम धरती माँ को श्रद्धांजलि दे सकें। इस पर्व में आमतौर पर पौधों का रोपण किया जाता है, जो पर्यावरण के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। इस वर्ष मुख्यमंत्री ने रुद्राक्ष के पौधे लगाए, जो हिंदू धर्म में पवित्र माने जाते हैं, इस प्रकार इस पर्व को और भी सांस्कृतिक आयाम दिया गया।

राज्यव्यापी पौधारोपण अभियान में भागीदारी

इस साल के पौधारोपण अभियान में विभिन्न सरकारी अधिकारियों, स्कूल के छात्रों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया, जिन्होंने पूरे राज्य में हजारों पौधे लगाए। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरणीय क्षति से मुकाबला करना और हरियाली के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे पर्यावरण को संरक्षित करने में सक्रिय भाग लें।

सरकारी पहलों का उल्लेख

कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री धामी ने वनों की बहाली और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए कई सरकारी पहलों का उल्लेख किया। इनमें स्थानीय वनस्पतियों और जीव-जंतुओं पर केंद्रित चल रहे कार्यक्रम और छोटे उम्र में पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में शैक्षिक पहल शामिल हैं। सरकार दीर्घकालिक संरक्षण प्रयासों में स्थानीय समुदायों को शामिल करने की योजना बना रही है, जिससे इन पहलों की स्थिरता सुनिश्चित हो सके।

समुदाय की भागीदारी और जागरूकता

पौधारोपण कार्यक्रम ने न केवल सरकारी प्रयासों को रेखांकित किया बल्कि स्थानीय निवासियों के बीच सामुदायिक भावना के विकास पर भी जोर दिया। इसे देखने के लिए परिवारों को अपने घरों और स्थानीय क्षेत्रों में पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। स्थानीय स्कूलों को वृक्षारोपण प्रतियोगिताएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे बच्चों को सस्टेनेबिलिटी प्रथाओं में शामिल होने का एक प्लेटफॉर्म मिल सके।

निष्कर्ष: एक हरे भविष्य की ओर एक कदम

हरेला का उत्सव और राज्यव्यापी पौधारोपण अभियान समुदायों की पर्यावरण की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हैं। मुख्यमंत्री का हरा उत्तराखंड के लिए दृष्टिकोण—इसके नागरिकों के सामूहिक प्रयासों के साथ—एक सही दिशा में एक कदम है। जैसे-जैसे राज्य वनों की बहाली की अपनी पहलों को जारी रखता है, यह अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

हरेला की शिक्षाओं को अपनाते हुए, हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी प्रकृति के साथ संबंध का महत्व क्या है और धरती माँ के प्रति हमारी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। अधिक अपडेट्स के लिए, pwcnews पर जाएं।

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