बदरीनाथ में ईको टूरिज्म फीस भुगतान हेतु फास्ट टैग प्रणाली की शुरुआत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में चार धाम यात्रा को नवाचार के...

बदरीनाथ में ईको टूरिज्म फीस भुगतान हेतु फास्ट टैग प्रणाली की शुरुआत
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसी कड़ी में, बदरीनाथ नगर पंचायत द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए ईको पर्यटक शुल्क के भुगतान में फास्ट टैग प्रणाली की शुरूआत की गई है। इस सेवा का शुभारंभ जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आज किया।
फास्ट टैग प्रणाली का महत्व
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में आने वाले वाहनों से अब ईको पर्यटक शुल्क फास्ट टैग के माध्यम से लिया जाएगा। पहले यह शुल्क नगद और क्यूआर कोड के माध्यम से लिया जाता था, जो कि समय और सुविधा की दृष्टि से कुछ कठिनाइयाँ उपस्थित करता था। अब फास्ट टैग से भुगतान करने की प्रक्रिया से तीर्थयात्री अधिक सुविधाजनक तरीके से शुल्क का भुगतान कर सकेंगे, जिससे ट्रैफिक जाम और भीड़ से बचा जा सकेगा।
सुविधाएँ और शुल्क संरचना
नगर पंचायत बदरीनाथ के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने जानकारी दी कि 2022 में जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, चार पहिया वाहनों से 60 रुपये, टेम्पो ट्रेवल्स या मिनी बस के लिए 100 रुपये, बसों के लिए 120 रुपये और हेलीकॉप्टर के लिए 1000 रुपये शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क स्थानीय पर्यटन विकास, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और यात्रा के दौरान अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के लिए उपयोग किया जाएगा।
पर्यटन के विकास के लिए लाभकारी पहल
फास्ट टैग प्रणाली की शुरूआत से न केवल तीर्थयात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह बदरीनाथ में पर्यटन के अनुभव को भी सकारात्मक रूप से बदल देगी। ईको पर्यटक शुल्क का भुगतान फास्ट टैग के माध्यम से करने से यात्री समय की बचत कर सकेंगे और धाम में प्रवेश करने के समय किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इस पहल से यह साबित होता है कि उत्तराखंड सरकार चार धाम यात्रा को विकासशील दृष्टिकोण से देख रही है और इसे सुगम और सरल बनाने के प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
बदरीनाथ में फास्ट टैग सेवा का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है। यह चार धाम यात्रा में आए यात्रियों की यात्रा को अधिक सुविधाजनक बना सकता है। यह विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए लाभकारी रहेगा, जो बड़ी संख्या में इस पवित्र स्थल पर आते हैं। इससे न केवल उनकी यात्रा का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि बदरीनाथ की पर्यावरणीय स्थिरता को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
फास्ट टैग सिस्टम की इस नई पहल से स्पष्ट हो रहा है कि उत्तराखंड सरकार किस तरह से तीर्थाटन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी उपायों को अपनाकर पर्यटकों को एक बेहतर अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है।
टीम PWC News
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