रामपुर तिराहा शहीद स्थल का री-डेवलपमेंट, मुख्यमंत्री धामी ने शहीदों को किया याद
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट का मास्टर प्लान […] The post रामपुर तिराहा शहीद स्थल का होगा री-डेवलपमेंट, मुख्यमंत्री धामी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि appeared first on Devbhoomisamvad.com.

रामपुर तिराहा शहीद स्थल का री-डेवलपमेंट, मुख्यमंत्री धामी ने शहीदों को किया याद
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
शहीद स्थल के विकास की योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस स्थल पर एक भव्य संग्रहालय बनाया जाएगा, जो कि शहीदों की याद को सहेजने के कार्य करेगा। इसके अलावा यहाँ एक कैंटीन बनाई जाएगी और उत्तराखण्ड की बसों के ठहराव के लिए स्टॉपेज भी स्थापित किया जाएगा। ये सभी प्रयास उस दिन की स्मृति को न केवल जीवित रखेंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी उस बलिदान की कहानी बताएंगे।
रामपुर तिराहा गोलीकांड का महत्व
मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा गोलीकांड, जो 2 अक्टूबर 1994 को हुआ था, को उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने न केवल उत्तर्कंड की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया, बल्कि यह भी दिखाया कि किस प्रकार जनता की रक्षा का दायित्व निभाने वाले लोग ही हिंसक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन की स्मृति हमें यह याद दिलाती है कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों ने अपने रक्त से सींची है।
राज्य सरकार के प्रयास और योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के अलग राज्य के निर्माण का श्रेय उन आंदोलनकारियों के बलिदान को जाता है। राज्य सरकार उनके योगदान को मान्यता देने के लिए कई प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और शहीदों के परिवारों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही, घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 रुपये और सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।
महिलाओं की भूमिका और सम्मान
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य आंदोलन में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। रामपुर गोलीकांड के समय स्थानीय लोगों ने आंदोलनकारियों की सहायता की थी, जिससे इस क्षेत्र में जनमिलन केंद्रों का निर्माण किया गया है। उन्होंने भूमि दान करने वाले स्वर्गीय महावीर शर्मा की प्रतिमा भी शहीद स्मारक में स्थापित करने की बात की।
विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी
इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, पूर्व सांसद सजीव बालियान, विधायक प्रदीप बत्रा, उमेश कुमार आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार अपने शहीदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रही है और उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।
कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री धामी ने रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट की घोषणा की है, जो कि शहीदों को समर्पित है। इसके माध्यम से शहीदों की स्मृति को जीवित रखा जाएगा। उन सभी के योगदानों को और ज्यादा मान्यता देने के लिए राज्य सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है।
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सादर,
टीम PWC News - साक्षी शर्मा
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