उपनल कर्मचारियों की हड़ताल पर कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने धामी सरकार पर बोला हमला
उत्तराखंड में 22 हजार उपनल कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इसे लेकर कांग्रेस...
उत्तराखंड में 22 हजार उपनल कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने धामी सरकार पर निशाना साधा है। उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने सरकार की नीयत पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रतिमा सिंह ने कहा कि उपनल कर्मियों की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई वही दून अस्पताल में OPD के बाद इमरजेंसी में भी लगी लंबी लाइन दून अस्पताल के तकरीबन 300 ऐसे कर्मचारी हैं जो उपनल के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और वो हड़ताल पर थे।
वही हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भी भीड़ बेकाबू रही यहां भी 200 से ज़्यादा कर्मचारी उपनल के माध्यम से कार्यरत है जो हड़ताल पर गए हैं। सरकार इतनी हठधर्मी है की विपक्ष तो विपक्ष उच्च न्यायालय की भी बात नहीं सुनती राज्य में करीब २२००० उपनल कर्मचारी है जो मुख्यतः सैनिक पृष्ठभूमि के हैं।उपनल कर्मचारी अपने नियमितीकरण को लेकर लगातार सड़कों पर आवाज उठाते रहे हैं और इस संबंध में हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट की एकल बेंच से भी केस जीत चुके हैं। इसके चलते सभी उपनल कर्मचारी अब सरकार से अपने नियमितीकरण की मांग के साथ नियमितीकरण के दायरे से बाहर रहने वाले कर्मचारियों के लिए समान वेतन की मांग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उपनल में तीन ग्रेड होती है जिसके आधार पर वेतन तय किया जाता है, जिसमें अकुशल श्रेणी को बिना CTC के ₹16000 के करीब का भुगतान किया जाता है। बड़े दुख की बात है कि 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट ने कुंदन सिंह मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चरणबद्ध तरीके से सभी प्रायोजित उपनल कर्मचारियों को नियमित करने को कहा था। साथ ही छह महीने के भीतर महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम वेतन देने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन सरकार ने इस आदेश पर अमल नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अक्टूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की अपील खारिज कर दी। इसके बावजूद नियमितीकरण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती गई जिसका भुगतान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है, धामी जी एक तरफ़ बात करते हैं कि 26 हजार नौकरियां दे दी दूसरी तरफ़ कोर्ट के बोलने के बावजूद भी अब तक उपनल कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं कर पायी, भाजपा कभी भी कुछ देने की सोच नहीं रखती सदैव छीनने की ही सोच रखती है। सरकार को जल्द इस पर निर्णय लेना चाहिए।
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