अंकिता भंडारी केस में हुए नए खुलासों को लेकर बीजेपी में हड़कंप मच गया है।...
अंकिता भंडारी केस में हुए नए खुलासों को लेकर बीजेपी में हड़कंप मच गया है। बीजेपी नेता और बदरी केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय आरोपी नेताओं को इस्तीफा देने की नसीहत दी है। साथ ही सीबीआई जांच की वकालत भी की है। केंद्र अजय ने लिखा
उत्तराखंड में अंकिता भंडारी प्रकरण को लेकर जिस प्रकार का वातावरण बन गया है, वो निश्चित रूप से अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। जान-अनजाने पक्ष-विपक्ष की ओर से कई ऐसे तथ्य और बयानबाजी सामने आ रही है, जिससे प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है।
कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए इस प्रकरण को अपने पक्ष में पूरी तरह से भुनाने के दुष्प्रयासों में जुटी हुई है। कांग्रेस से सवाल यह है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की अचानक उन्हें अब इतने समय बाद क्यों याद आई? 2027 के चुनावों को देखते हुए कांग्रेस को अब अंकिता को न्याय दिलाने की याद आई?
मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि अंकिता भंडारी प्रकरण निश्चित रूप से गंभीर विषय है। आम जनमानस के मन में किसी प्रकार की शंका-आशंका ना रहे, इस हेतु जो भी कानूनी कार्यवाही अथवा CBI जाँच आदि की जानी हो, तो करनी चाहिए।
मेरा यह भी सुझाव है कि इस प्रकरण में जो भी नेता दोषारोपित किए गए हैं, उनको पार्टी हित और जन विश्वास कायम रखने के लिए नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्याग- पत्र देना चाहिए। उन्हें स्वयं यह घोषणा करनी चाहिए कि वे अपने को निर्दोष साबित करेंगे और तत्पश्चात पार्टी में कोई पद स्वीकार करेंगे।
इसके साथ ही मेरा यह भी सुझाव है कि मा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी को आवश्यक नहीं है कि वो प्रत्येक मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें। मीडिया के समक्ष पार्टी का पक्ष आदि रखने के लिए प्रवक्ता इत्यादि की व्यवस्था बनाई गई है।
अंकिता भंडारी प्रकरण में जाति को लेकर जो बयान मीडिया व सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, वो पार्टी के लिए हानिकारक है। इससे भी अधिक प्रदेश के सामाजिक ताने- बाने के लिए भी घातक है। राजनीति अपनी जगह है, सामाजिक सौहार्द अपनी जगह ।
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