ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में धूमधाम से मनाई गई उत्तराखंड राज्य स्थापना रजत जयंती
देवप्रयाग: ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय, देवप्रयाग में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती बड़े उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नर्वदेश्वर शुक्ला ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में देवप्रयाग नगरपालिका सभासद राहुल कोटियाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राज्य स्थापना समारोह समिति के नोडल अधिकारी […] The post ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में धूमधाम से मनाई गई उत्तराखंड राज्य स्थापना रजत जयंती appeared first on Devbhoomisamvad.com.
देवप्रयाग: ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय, देवप्रयाग में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती बड़े उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नर्वदेश्वर शुक्ला ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में देवप्रयाग नगरपालिका सभासद राहुल कोटियाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राज्य स्थापना समारोह समिति के नोडल अधिकारी डॉ. एम. एन. नौडियाल ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. ओम प्रकाश ने राज्य गठन से लेकर अब तक के 25 वर्षों की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए औद्योगिक विकास, रोजगार, महिला सशक्तिकरण एवं परिवहन व्यवस्था में हुए सुधारों की चर्चा की। शिक्षाशास्त्र विभाग के डॉ. अमित कुमार ने राज्य की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार रखे।
हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सृजना राणा ने राज्य आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने शिक्षा, परिवहन और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, किंतु स्वास्थ्य, पलायन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर अभी और कार्य करने की आवश्यकता है। वहीं इतिहास विभाग के डॉ. मनोज कुमार ने उत्तराखंड शब्द की उत्पत्ति और राज्य गठन की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख किया।
विश्वविद्यालय प्रतिनिधि आर्यनदीप एवं छात्र संघ अध्यक्ष सुमित ने भी राज्य निर्माण की पृष्ठभूमि पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए—
- एकल गायन प्रतियोगिता: प्रथम – तुषार, द्वितीय – तानिया, तृतीय – सुखदेव
- सामूहिक गायन: कंचन, कोमल एवं कृतिका
- एकल नृत्य: पूजा (प्रथम), ईशा नेगी (विशिष्ट प्रस्तुति)
- पोस्टर प्रतियोगिता: प्रथम – सोनिया, द्वितीय – अमीषा चौहान, तृतीय – मुस्कान
- निबंध प्रतियोगिता: प्रथम – स्नेहा, द्वितीय – दिया, तृतीय – अमीषा
- सामूहिक नृत्य: सपना, संतोषी, आंचल, मुस्कान, अंजली एवं मानसी
- सांत्वना पुरस्कार: पूजा, प्रिया, रागिनी, सपना, राखी, मनीषा, काजल, खुशी
मुख्य अतिथि राहुल कोटियाल ने राज्य निर्माण में योगदान देने वाले सभी महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जिस पहाड़ी राज्य की परिकल्पना के लिए संघर्ष किया गया था, उसे साकार करने हेतु ठोस कार्ययोजना बनानी होगी।
प्राचार्य डॉ. नर्वदेश्वर शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि क्षेत्रीय असंतुलन ने ही पृथक राज्य आंदोलन की नींव रखी थी। आज राज्य ने विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं, परंतु शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पलायन जैसे क्षेत्रों में अभी भी ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में नन्ही लावण्या की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। अंत में डॉ. रंजू उनियाल (हिंदी विभाग) ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, छात्र संघ पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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