जगन्नाथ रथयात्रा में DJ की आवाज से बेकाबू हुए हाथी, अफरातफरी, 4 घायल
अहमदाबाद में 148वीं जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान उस समय हड़कंप मच गया जब डीजे की तेज आवाज के कारण हाथी बेकाबू हो गए। रथयात्रा की भीड़ में अचानक मची भगदड़ से कई लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। गनीमत रही कि वन विभाग और महावतों ने समय रहते हालात पर काबू पा लिया। डीजे की तेज […] The post जगन्नाथ रथयात्रा में DJ की आवाज से बेकाबू हुए हाथी, अफरातफरी, 4 घायल appeared first on Khabar Sansar News.

जगन्नाथ रथयात्रा में DJ की आवाज से बेकाबू हुए हाथी, अफरातफरी, 4 घायल
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अहमदाबाद में 148वीं जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान उस समय हड़कंप मच गया जब डीजे की तेज आवाज के कारण हाथी बेकाबू हो गए। रथयात्रा की भीड़ में अचानक मची भगदड़ से कई लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। गनीमत रही कि वन विभाग और महावतों ने समय रहते हालात पर काबू पा लिया।
डीजे की तेज आवाज से बिगड़ा हाथियों का मिजाज
यात्रा के रूट में खाड़िया विस्तार नामक क्षेत्र से गुजरते वक्त एक हाथी डीजे की तेज ध्वनि से घबरा गया और दौड़ने लगा। उसके पीछे-पीछे अन्य हाथी भी बेकाबू हो गए। बताया गया कि कुल 5-6 हाथियों ने नियंत्रण खो दिया, जिनमें से तीन ने खाड़िया की तंग गलियों में दौड़ना शुरू कर दिया। इस तरह की स्थिति ने सभी को चौंका दिया और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ा दी।
हाथियों को देखकर लोगों में अफरातफरी
जैसे ही हाथी बेकाबू होकर दौड़ने लगे, श्रद्धालुओं में डर फैल गया। हजारों की भीड़ में मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों ने आगे का रास्ता खाली कर हाथियों को रास्ता देने की कोशिश की। इस दौरान कुछ लोग घायल हुए, जिसमें एक मीडियाकर्मी भी शामिल था जो रथयात्रा को कवर कर रहा था।
3-4 लोग घायल, एक मीडियाकर्मी भी शामिल
भगदड़ के दौरान तीन से चार लोगों के घायल होने की खबर मिली है। हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई और सभी को मौके पर मौजूद 108 एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। इस घटना ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाया है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की आवश्यकता है।
15 मिनट में किया गया नियंत्रण, रथयात्रा फिर से शुरू
वन विभाग की टीम और महावतों ने मिलकर ट्रैंक्विलाइज़र और अन्य उपकरणों की मदद से हाथियों को नियंत्रित किया। इस दौरान रथयात्रा को 15 मिनट के लिए रोकना पड़ा। जब स्थिति सामान्य हुई, तब हाथियों को मुख्य मार्ग पर लाकर यात्रा को फिर से शुरू किया गया। इस घटना ने रथयात्रा के महोत्सव में अच्छा खासा बाधा उत्पन्न किया, लेकिन मौके पर उपस्थित टीमों ने स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस प्रकार, 148वीं जगन्नाथ रथयात्रा अपने उत्सवपूर्ण स्वरूप में जारी रही, हालाँकि घटना ने यह दर्शाया कि बड़े आयोजनों में अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है।
हम कब आएंगे जब हमें इस तरह के आयोजनों में अधिक सुरक्षा उपाय लागू करने की आवश्यकता न पड़े। इस घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर किया कि आने वाले उत्सवों में प्रोटोकॉल और सुरक्षा उपायों में सुधार लाना जरूरी है।
इस तरह की घटनाओं के बावजूद, जगन्नाथ रथयात्रा का महत्व और उसका सांस्कृतिक मूल्य हमेशा बना रहेगा।
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