G7 समिट में शामिल हुए मोदी, खालिस्तानियों ने झंडा फाड़कर किया विरोध
दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के नेता इस समय कनाडा के रॉकीज क्षेत्र में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में एकत्र हुए हैं। इस समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है। यह समिट वैश्विक मुद्दों […] The post G7 समिट में शामिल हुए मोदी, खालिस्तानियों ने झंडा फाड़कर किया विरोध appeared first on Khabar Sansar News.

G7 समिट में शामिल हुए मोदी, खालिस्तानियों ने झंडा फाड़कर किया विरोध
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दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के नेता इस समय कनाडा के रॉकीज क्षेत्र में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में एकत्र हुए हैं। इस समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है। यह समिट वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वैश्विक सुरक्षा पर चर्चा का एक प्रमुख मंच बन चुका है।
पीएम मोदी की उपस्थिति से खफा पाकिस्तान और खालिस्तानी
जहां एक ओर भारत को इस समिट में आमंत्रित किया जाना देश के लिए गौरव की बात है, वहीं पाकिस्तान और खालिस्तानी गुट इससे नाखुश नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी की कनाडा यात्रा के बीच खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए। अल्बर्टा के कनानास्किस में खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने न केवल देश विरोधी नारे लगाए, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भी किया।
झंडे का अपमान और भड़काऊ नारों से माहौल गरमाया
कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने भारतीय झंडे पर पैर रखकर उसे फाड़ा और शोरगुल के बीच मोदी विरोधी गीत गाए गए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में तीन माइक्रोफोन एक साथ बज रहे थे और भीड़ में हर कोई ध्यान आकर्षित करने की होड़ में था। इतना ही नहीं, कुछ प्रदर्शनकारियों ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मोदी की राजनीति को खत्म करने की अपील तक कर डाली।
द्विपक्षीय मुलाकातों की तैयारी
पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान कनाडा में मार्क कार्नी से और G7 समिट के मौके पर जर्मनी, इटली और यूक्रेन के नेताओं से भी द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे। यह दौरा भारत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हालांकि, इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति ने भारत के वैश्विक संबंधों को और मजबूत किया है। इसे भारत के लिए एक नई पारी के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ भारत विश्व के अग्रणी देशों के साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकेगा।
इस विरोध प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि कुछ बाहरी शक्तियां भारत के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। इस प्रकार के घटनाक्रम केवल समिट के विषयों को नहीं, बल्कि भारत की छवि को भी प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि भारत मजबूती से अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को आगे बढ़ाए और अपनी आवाज को मजबूती से प्रस्तुत करे।
अंततः, पीएम मोदी का यह दौरा केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसे भारत के विकास और वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को सशक्त बनाने के एक प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
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