पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक पंकज का नया अविस्मरणीय योगदान, माचिस की तिल्लियों से बने राहु मंदिर की कलाकृति

पौड़ी गढ़वाल: हस्तशिल्प में माहिर पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक पंकज सुंद्रियाल की एक और कलाकृति सामने आई है। इसबार उन्होंने अपनी अनोखी हस्तकला के माध्यम से माचिस की करीब 20 हजार तिल्लियों से पैठाणी गांव की तलहटी में बसे काली नयार और पश्चिमी नयार के संगम पर स्थित राहु मंदिर की प्रतिकृति बनाई है। यह मंदिर […] The post शिक्षक पंकज की एक और कलाकृति, माचिस की 20 हजार तिल्लियों से बनाई राहु मंदिर पैठाणी की प्रतिकृति appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Jul 21, 2025 - 09:53
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पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक पंकज का नया अविस्मरणीय योगदान, माचिस की तिल्लियों से बने राहु मंदिर की कलाकृति

पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक पंकज का नया अविस्मरणीय योगदान, माचिस की तिल्लियों से बने राहु मंदिर की कलाकृति

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कम शब्दों में कहें तो, पौड़ी गढ़वाल के शिक्षकों में से एक, पंकज सुंद्रियाल ने हाथ से बनी कला के जरिए एक और अद्भुत कृति प्रस्तुत की है। उन्होंने माचिस की लगभग 20 हजार तिल्लियों का इस्तेमाल करते हुए राहु मंदिर की प्रतिकृति बनाई है, जो कि पैठाणी गांव की तलहटी में काली नयार और पश्चिमी नयार के संगम पर स्थित है। यह मंदिर हाल ही में चर्चा का विषय बना जब क्षेत्र के पूर्व और वर्तमान जिलाधिकारियों ने इसे देखा।

पंकज सुंद्रियाल की अद्वितीय प्रतिभा

पंकज सुंद्रियाल ने इससे पहले डेढ़ लाख माचिस की तिल्लियों का उपयोग करके अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई थी। इसके अलावा, उन्होंने माचिस की तिल्लियों से कई अन्य ऐतिहासिक और अद्भुत स्थानों की प्रतिकृतियाँ भी बनाई हैं। इनमें केदारनाथ धाम, ताजमहल, चर्च ऑफ नार्वे, और चाइना का कॉर्नर टॉवर शामिल हैं। उनकी कला को मान्यता देते हुए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।

राहु मंदिर की प्रतिकृति बनाने का विचार

पंकज सुंद्रियाल कहते हैं कि राहु मंदिर की प्रतिकृति बनाने का विचार उन्हें तब आया जब उन्होंने अपने शैक्षिक सफर की शुरुआत की। उनके पहले दर्शन ने उन्हें प्रेरित किया। पहले ताजमहल की प्रतिकृति बनाने के बाद जैसे ही उन्हें स्थानांतरण मिला, उन्होंने राहु मंदिर की ओर ध्यान केंद्रित किया। आठ महीने की मेहनत के बाद, उन्होंने इस अद्वितीय कृति को आकार दिया।

सफलता की कहानी और चुनौतियाँ

पंकज ने राहु मंदिर की गुम्बद और ऊपरी वृत्ताकार आकृति बनाने में कई चुनौतियों का सामना किया। लेकिन उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत ने उन्हें इस कार्य में सफल बनाया। यह नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है कि मेहनत का फल मीठा होता है।

आगामी प्रोजेक्ट्स

पंकज अब श्री बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में, जब एआई का बोलबाला है, हस्तशिल्प की महत्ता बढ़ रही है। यह क्षेत्र रोजगार के लिए समृद्ध है और इसमें सफलता की कुंजी मेहनत और धैर्य है।

एक संघर्ष और समर्पण की कहानी

पंकज ने माचिस की तिल्लियों से काम करना 2001 में शुरू किया जब बेरोजगारी ने उन्हें कमजोर बना दिया था। उन्होंने उस समय को याद करते हुए कहा कि चुनौतियों का सामना करने का साहस उनके कार्यों में जाहिर होता है।

उनकी कहानी हर युवा के लिए एक सबक है। पंकज सुंद्रियाल का काम न केवल हस्तशिल्प की उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि कठिनाइयों का सामना करने से ही सफलता प्राप्त होती है।

उनकी इस नई कलाकृति ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रेरित किया है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कला के माध्यम से असीम संभावनाएँ जन्म ले सकती हैं।

हम सभी को इस प्रेरणादायक व्यक्तित्व का सम्मान करना चाहिए और उनके कार्यों से सीखने की कोशिश करनी चाहिए।

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