चम्पावत शिक्षक संघ ने सरकार की सदबुद्धि के लिए तृपण कार्यक्रम आयोजित किया
गंडकी नदी के तट पर चम्पावत के डिप्टेश्वर महादेव मंदिर के पास दी गई तिलांजलि विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली

चम्पावत शिक्षक संघ ने सरकार की सदबुद्धि के लिए तृपण कार्यक्रम आयोजित किया
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कम शब्दों में कहें तो चम्पावत के शिक्षक संघ ने गंडकी नदी के तट पर तृपण कार्यक्रम आयोजित कर विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली को निरस्त करने की मांग की है।
गंडकी नदी के तट पर स्थित चम्पावत के प्रसिद्ध डिप्टेश्वर महादेव मंदिर के पास, शिक्षकों ने सदबुद्धि के लिए तृपण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि अर्पित करना नहीं था, बल्कि यह शिक्षक संघ की तीन महत्वपूर्ण मांगों को लेकर भी जागरूकता फैलाना था। वे शैक्षिक व्यवस्था में सुधार के लिए अडिग हैं।
मुख्य मांगें
शिक्षक संघ चम्पावत की मांगे निम्नलिखित हैं:
- शिक्षकों की पदोन्नति के लिए उचित दिशा-निर्देश (एलटी से प्रवक्ता, एलटी प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक और प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति)
- विभागीय प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती नियमावली को निरस्त करना
- स्थानांतरण की स्पष्ट नीति बनाना
यह संगठन अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखते हुए शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में भी प्रयास कर रहा है। चम्पावत के शिक्षक संघ का मानना है कि उचित पदोन्नति और स्पष्ट नीतियों से श्रमिकों का मनोबल बढ़ेगा जो सीधे तौर पर छात्रों के प्रदर्शन को प्रभावित करेगा।
शिक्षकों की स्थिति
शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान नियमावली पूरी तरह से असमर्थनीय है और इससे न केवल उनकी करियर वृद्धि में बाधा आ रही है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी यह हानिकारक है। शिक्षकों का मानना है कि उचित प्रमोशन के बिना, उत्कृष्टता की संभावना कम होती जा रही है।
ज्ञात हो कि इसी दौरान विचार-विमर्श में सरकार से संवाद स्थापित करने की आवश्यकता भी महसूस की गई ताकि सही दिशा में निर्णय लिया जा सके। शिक्षक संघ ने इस बात की महत्ता को बताया कि सहकार्य और संवाद ही समस्याओं का समाधान निकालने में सहायक होता है।
समापन विचार
इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षक संघ ने अपनी आवाज को एक बार फिर से उजागर किया है। यह एक ऐसे समय में हुआ है जब शिक्षा क्षेत्र में कई चुनौतियाँ हैं। अगर सरकार इस दिशा में संज्ञान लेती है, तो इससे न केवल शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली में भी सुधार संभव है।
चम्पावत में चल रहे इस आंदोलन को लेकर सभी शिक्षकों में एकजुटता दिखाई दे रही है, जो यह दर्शाता है कि शिक्षकों की समस्याओं को हल करने की दिशा में कार्रवाई की आवश्यकता है।
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हमने आज यह तृपण कार्यक्रम आयोजित किया, और हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान देगी।
Team PWC News - राधिका शर्मा
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