उत्तराखंड में बेटियां रामलीला में निभाती हैं महत्वपूर्ण किरदार, रिहर्सल के दौरान झर रहा पसीना
उत्तराखंड के लालकुआं में एक ऐसी रामलीला का मंचन होता है, जिसमें सभी अहम किरदार लड़कियां ही निभाती हैं। उनके

उत्तराखंड में बेटियां रामलीला में निभाती हैं महत्वपूर्ण किरदार, रिहर्सल के दौरान झर रहा पसीना
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के लालकुआं में बेटियां रामलीला में मुख्य भूमिकाएं निभा रही हैं, जिसका रिहर्सल जोर-शोर से जारी है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित लालकुआं में एक अनोखी रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें सभी महत्वपूर्ण किरदार लड़कियां निभाती हैं। इस वर्ष रिहर्सल चल रहा है, जिसमें ये प्रदर्शनकारी जमकर मेहनत कर रही हैं। उनके अभिनय को देखकर दर्शक हमेशा मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
रामलीला की तैयारी और रिहर्सल
रामलीला का मंचन 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक किया जाएगा। इसे लेकर अभी से ही रिहर्सल शुरू हो चुका है। इन्हीं बेटियों की मेहनत ही इस आयोजन की खासियत बन गई है। इस बार की रिहर्सल में लड़कियां अपने सशक्त अभिव्यक्ति से हर एक दृश्य में जान डालने के लिए पसीना बहा रही हैं।
क्यों खास है यह रामलीला?
यह रामलीला अपने खास दृष्टिकोण के कारण चर्चित है। यहां की बेटियां न सिर्फ अदाकारी में महारत हासिल कर रही हैं, बल्कि समाज में मानवीय मूल्यों और नारी शक्ति को भी उजागर कर रही हैं। रामलीला में उनकी भूमिकाएं न केवल सशक्तिकरण का प्रतीक हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि लड़कियां किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।
समुदाय का समर्थन
इस रामलीला का आयोजन स्थानीय समुदाय द्वारा किया जा रहा है, और यहां के लोग पिछले कई वर्षों से इसका समर्थन कर रहे हैं। समुदाय के सभी सदस्य इस उत्सव के प्रति उच्च उत्साह प्रदर्शित कर रहे हैं। छात्राओं की रिहर्सल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, जिससे बेटियों को प्रोत्साहन मिलता है।
सकारात्मक बदलाव के प्रतीक
इस रामलीला के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं का संदेश भी फैलाया जा रहा है। हर दृश्य में लड़कियां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं, जो यह दर्शाता है कि वे किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सक्षम हैं। यह आयोजन नारी सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण पेश करता है।
रामलीला की पूरी तैयारियों के चलते, यहां की लड़कियों के मेहनत और दृढ़ संकल्प ने साबित कर दिया है कि जब बेटियां अपनी क्षमता को पहचानती हैं, तो वे किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं। इस मौके पर स्थानीय कलाकारों की भी उपस्थिति इसे और भी खास बना देती है।
जैसे-जैसे रामलीला का मंचन नजदीक आ रहा है, महिलाएं और बच्चे हर संभावना की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यदि आप भी इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो 22 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच लालकुआं अवश्य आएं।
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सादर, टीम PWC News
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