मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड हथकरघा कार्यक्रम में बढ़ाया योगदान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास...

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड हथकरघा कार्यक्रम में बढ़ाया योगदान
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान, उन्होंने हस्तशिल्प पर आधारित विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और उत्कृष्टता के लिए 11 शिल्पियों को उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की बुनाई और हस्तशिल्प कला की विविधता और गुणवत्ता की प्रशंसा की। उन्होंने शिल्पियों और बुनकरों को राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का सच्चा संवाहक बताया। कार्यक्रम की शुरुआत में, मुख्यमंत्री ने हाल ही में आए प्राकृतिक आपदा में जिनका निधन हुआ है, उनके प्रति श्रद्धांजलि दी और प्रभावित परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दिए जाने के लिए कृतसंकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यथास्थितियों में बनी ऊनी शालें, अल्मोड़ा की ट्वीड, और पंखी के डिज़ाइन ने न केवल लोकल तौर पर, बल्कि वैश्विक बाजार में भी राज्य को एक पहचान दी है। आज भांग और बांस के रेशों से बने उत्पादों की देशभर में विशेष मांग देखी जा रही है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई “वोकल फॉर लोकल”, “लोकल टू ग्लोबल” और “मेक इन इंडिया” जैसी पहलों ने शिल्पियों और बुनकरों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान जैसी योजनाओं के माध्यम से शिल्पियों और बुनकरों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है।
राज्य सरकार भी शिल्पी पेंशन योजना, शिल्प रत्न पुरस्कार और कौशल विकास प्रशिक्षण जैसी योजनाओं को लागू कर रही है, जिससे स्थानीय उत्पादों का प्रचार और विपणन संभव हो सके।
मुख्यमंत्री ने अपने विश्वास जताया कि उत्तराखंड के शिल्पी और बुनकर अपनी रचनात्मकता से राज्य को आत्मनिर्भर और देश का अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र दत्त सेमवाल, विधायक सरिता आर्य, सुरेश गड़िया और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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Team PWC News - कविता शर्मा
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