ईरान ने इजरायली हॉस्पिटल पर किया हमला, खामेनेई को नहीं छोड़ेंगे: इजरायल
मध्य पूर्व में हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। ईरान ने इजरायल के सोरोका हॉस्पिटल पर मिसाइल हमला कर दिया है, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इजरायल ने इस हमले को ‘युद्ध अपराध’ (वॉर क्राइम) बताया है और सीधे तौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई को इसके लिए […] The post ईरान ने इजरायली हॉस्पिटल पर किया हमला, खामेनेई को नहीं छोड़ेंगे: इजरायल appeared first on Khabar Sansar News.

ईरान ने इजरायली हॉस्पिटल पर किया हमला, खामेनेई को नहीं छोड़ेंगे: इजरायल
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मध्य पूर्व में हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। हाल ही में, ईरान ने इजरायल के सोरोका हॉस्पिटल पर मिसाइल हमला कर दिया है, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस हमले को इजरायल ने ‘युद्ध अपराध’ (वॉर क्राइम) बताया है और सीधे तौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस घटना ने क्षेत्र में नई जटिलताएं उत्पन्न कर दी हैं।
इजरायल का जवाब: खामेनेई को भुगतनी होगी सजा
इजरायल के रक्षा मंत्री योआव कैट्ज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “कायर ईरानी तानाशाह एक बंकर में छिपा है और हमारे अस्पतालों व रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है। यह सबसे घिनौना युद्ध अपराध है, जिसकी सजा खामेनेई को भुगतनी होगी।” उनके अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) को तेहरान में जवाबी कार्रवाई और तेज करने के निर्देश दिए हैं। इस तरह की नीति क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकती है।
नेतन्याहू की चेतावनी: कीमत चुकानी पड़ेगी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने लिखा, “ईरान के आतंकी तानाशाह ने सोरोका अस्पताल और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया है। अब ईरान को इसकी पूरी कीमत चुकानी पड़ेगी।” नेतन्याहू की चेतावनी बताती है कि हालात और खराब हो सकते हैं। ईरान की इस कार्रवाई ने क्षेत्र के स्थिरता को चुनौती दी है, जिससे संभावित संघर्ष और गहरा हो सकता है।
ऑपरेशन सिंधु: भारत ने अपने नागरिकों को निकाला
इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच, भारत ने 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाया है। इनमें से 90 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। यह वापसी ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत संभव हो पाई। इन छात्रों को लेकर इंडिगो की फ्लाइट 6E 9487 दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची, जहां केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने उनका स्वागत किया। सभी छात्र ईरान के उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। भारत सरकार की तत्परता ने उनके सुरक्षित रिटर्न को सुनिश्चित किया।
ईरान और इजरायल के बीच टकराव अब और भी गंभीर होता जा रहा है। अस्पताल जैसे संवेदनशील ठिकानों पर मिसाइल हमले ने पूरे विश्व का ध्यान इस संघर्ष की गंभीरता की ओर खींचा है। भारत की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे सरकारें अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती हैं, जबकि वैश्विक कूटनीति में भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
प्रस्तावित समाधान के लिए, वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों को तेज करना होगा ताकि इस संघर्ष को रोका जा सके। इसके लिए एक मजबूत बातचीत का मंच बनाना आवश्यक है, जो सभी पक्षों की चिंताओं को संबोधित करे। यह स्थिति ना केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी बेहद आवश्यक है।
भारतीय नागरिकों के सुरक्षित लौटने से यह साबित होता है कि तात्कालिक कार्रवाई स्थिति को नियंत्रित कर सकती है। सरकारी एजेंसियों और कूटनीति की सक्रियता से संकट की इस घड़ी में आवश्यकता है कि सभी देश मिलकर शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं।
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