किच्छा मे तड़तड़ाई खुलेआम गोलियां -बेखौफ अपराधी
खबर संसार किच्छा -दिलीप अरोरा किच्छा मे तड़तड़ाई खुलेआम गोलियां -बेखौफ अपराधी. जी हा किच्छा मे अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और कही न कही अपराधों पर अंकुश लगाने और अपराधियों मे ख़ौफ पैदा करने मे स्थानीय पुलिस प्रशासन पूर्णतः फेल नजर आ रहा है।जिसकी वजह की कभी विधान सभा के सुनहरी […] The post किच्छा मे तड़तड़ाई खुलेआम गोलियां -बेखौफ अपराधी appeared first on Khabar Sansar News.

किच्छा मे तड़तड़ाई खुलेआम गोलियां - बेखौफ अपराधी
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By Aditi Sharma, Neha Gupta & Priya Verma, Team pwcnews
Introduction
किच्छा में हाल ही में हुई गोलीबारी की एक घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने दर्शाया है कि किच्छा का अपराध ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और अपराधियों में कोई डर नहीं दिखाई देता। स्थानीय पुलिस प्रशासन की नाकामी इस मामले में साफ नजर आ रही है, जो शहरवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
खुलेआम गोलीबारी का घटनाक्रम
घटना किच्छा के दरऊ ग्राम में हुई, जहां दो पक्षों के बीच में गोलीबारी की गई। सुबह करीब 11 बजे, एक पक्ष के हथियारबंद लोगों ने दूसरे पक्ष पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इस घटनाक्रम में नव निर्वाचित ग्राम प्रधान गफ्फार खान के भतीजे आलिम को गोली लगने के कारण उनकी मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब राजनीतिक रंजिशें अपने चरम पर थीं।
चुनावी रंजिश की पृष्ठभूमि
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि गफ्फार खान की 600 मतों से जीत उनके विरोधियों को पसंद नहीं आई, जिसके कारण इस तरह की गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया। शुक्ला ने कहा है कि उन्होंने पहले ही पुलिस को इसे लेकर अधिकारों में शिकायत की थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही
पूर्व विधायक और गफ्फार खान ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमारे पहले की शिकायतों को अनसुना किया। ऐसे में यह घटना ना केवल प्रशासन की विफलता का संकेत है, बल्कि एक आपराधिक माहौल को भी दर्शाती है। भले ही क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं, लेकिन अपराधियों द्वारा खुलेआम इस तरह की गतिविधियों का होना चिंताजनक है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
राजेश शुक्ला ने किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ और हाजी सरवर यार खान पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमलावरों को उकसाया। हालांकि, बेहड़ ने इस आरोप को खारिज किया और कहा कि यह पारिवारिक मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ऐसे में राजनीतिक तमाशा आम लोगों की सुरक्षा का मजाक बना हुआ है।
समाप्ति
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करना होगा। अपराधियों के बेज़ोके कारनामे और जनता की सुरक्षा की हानि के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। यह घटनाक्रम यह दर्शाता है कि किच्छा की पुलिस की जिम्मेदारी में सुधार की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से रोका जा सके।
किच्छा की इस घटना ने स्पष्ट किया है कि स्थानीय मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर टिकाऊ सवाल उठते हैं। बढ़ते अपराधों को कम करने के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी है।
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