घाना की संसद में बोले मोदी, लोकतंत्र हमारे लिए सिस्टम नहीं, संस्कार है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना गणराज्य की संसद में ऐतिहासिक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाओं के साथ यहां आया हूं। घाना की धरती को उन्होंने लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत बताते हुए इसे सोने की भूमि कहा — […] The post घाना की संसद में बोले मोदी, लोकतंत्र हमारे लिए सिस्टम नहीं, संस्कार है appeared first on Khabar Sansar News.

Jul 3, 2025 - 18:53
 54  501.8k
घाना की संसद में बोले मोदी, लोकतंत्र हमारे लिए सिस्टम नहीं, संस्कार है

घाना की संसद में बोले मोदी, लोकतंत्र हमारे लिए सिस्टम नहीं, संस्कार है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना गणराज्य की संसद में ऐतिहासिक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाओं के साथ यहां आया हूं। घाना की धरती को उन्होंने लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत बताते हुए इसे सोने की भूमि कहा, न केवल इसके खनिजों के लिए, बल्कि यहां के लोगों की गर्मजोशी और साहस के लिए भी।

भारत और घाना का लोकतांत्रिक रिश्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने घाना की संसद में अपने संबोधन में कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए लोकतंत्र सिर्फ एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं बल्कि संस्कृति का हिस्सा है। भारत में 2,500 से ज्यादा राजनीतिक दल, 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं, फिर भी हम सभी का खुले दिल से स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक इतिहास की चोटों के बावजूद, भारत और घाना की आत्मा हमेशा आज़ाद और निर्भीक रही है।

घाना के महान नेता को श्रद्धांजलि

मोदी ने राष्ट्रपति जॉन महामा से राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने को भारतीय जनता के लिए गर्व का क्षण बताया। इसके साथ ही उन्होंने घाना के महान नेता डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी सोच आज भी भारत और घाना की साझी यात्रा को दिशा देती है। मोदी का यह सम्मान न केवल परंपराओं को जीवित रखने की जरूरत को दर्शाता है, बल्कि दोनों देशों के बीच के संबंधों के महत्व को भी रेखांकित करता है।

वैश्विक चुनौतियों पर साझा आवाज़ की जरूरत

मोदी ने जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और साइबर खतरों जैसी चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पिछले सदी के संस्थान इन संकटों से निपटने में असफल रहे हैं। उन्होंने वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को बुलंद करने की जरूरत पर जोर दिया। इस संदर्भ में, उन्होंने अफ्रीकी संघ के जी-20 में शामिल होने को ऐतिहासिक बताया।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन न केवल अपने देश के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि भारत और घाना के संबंधों को और भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके शब्दों में लोकतंत्र की गहराई और महत्व को समझते हुए, दोनों देशों को एक साथ मिलकर आगामी चुनौतियों का सामना करना होगा। घाना की धरती पर बोले गए ये शब्द सदियों तक याद किए जाएंगे।

इस महत्वपूर्ण घटना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमारे वेबसाइट पर जाएं: pwcnews.

Keywords:

democracy, Modi speech, Ghana parliament, Indian culture, global challenges, India Ghana relations, Kwame Nkrumah, democratic values, historical address, shared journey

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow