नाले की भूमि पर एक नया अतिक्रमण एवं निर्माण
खबर संसार हल्द्वानी.नाले की भूमि पर एक नया अतिक्रमण एवं निर्माण.जी हा नगर आयुक्त ऋचा सिंह एवं उपजिलाधिकारी हल्द्वानी राहुल शाह द्वारा हल्द्वानी नगर क्षेत्र अंतर्गत दमुवादूंगा क्षेत्र के शिव मंदिर के ऊपरी प्रवाह (upstream)निरिक्षण किया. रकसिया नाले के चैनलाइजेशन कार्य का संयुक्त निरीक्षण किया. नगर निगम हल्द्वानी द्वारा रकसिया नाले के प्राकृतिक प्रवाह को […] The post नाले की भूमि पर एक नया अतिक्रमण एवं निर्माण appeared first on Khabar Sansar News.

नाले की भूमि पर एक नया अतिक्रमण एवं निर्माण
खबर संसार हल्द्वानी। नाले की भूमि पर एक नया अतिक्रमण एवं निर्माण देखने को मिला है। जी हां, नगर आयुक्त ऋचा सिंह और उपजिलाधिकारी हल्द्वानी राहुल शाह ने हल्द्वानी नगर क्षेत्र अंतर्गत दमुवादूंगा क्षेत्र के शिव मंदिर के ऊपरी प्रवाह (upstream) का निरीक्षण किया। इस दौरान रकसिया नाले के चैनलाइजेशन कार्य का संयुक्त निरीक्षण भी किया गया। नगर निगम हल्द्वानी द्वारा रकसिया नाले के प्राकृतिक प्रवाह को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानसून के समय जलभराव की समस्या से बचाव करना है।
नाले की भूमि पर अवैध निर्माण की समस्या
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि नाले की भूमि पर एक नया अतिक्रमण एवं निर्माण कार्य चल रहा था। इस प्रकार के अतिक्रमण ने नाले के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित करने का खतरा उत्पन्न किया है। उपजिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त ने तत्काल कार्यवाही करते हुए नाले पर बने अवैध निर्माण एवं सोक पिट (Soak Pit) को मौके पर ही ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तीन दिन के भीतर शेष अतिक्रमण हटाएँ।
भूमि धोखाधड़ी का मामला
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि संबंधित व्यक्ति, जो उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का निवासी है, ने नाले की सरकारी भूमि को स्टाम्प पेपर पर अवैध रूप से खरीदा था। मौके से उत्तर प्रदेश के पहचान पत्र एवं दस्तावेज भी बरामद किए गए, जो इस भूमि धोखाधड़ी के मामले को और गंभीर बनाते हैं।
आगे की कार्रवाई
उप जिलाधिकारी राहुल शाह ने तहसीलदार हल्द्वानी को निर्देशित किया कि वह दमुवादूंगा क्षेत्र में नाले की भूमि पर हुए सभी अतिक्रमणों की जांच करें। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि कहीं अन्य स्थानों पर सरकारी भूमि की अवैध बिक्री या फर्जी रजिस्ट्री तो नहीं की गई है। यदि जांच में सरकारी भूमि की धोखाधड़ी खरीद-फरोख्त की पुष्टि होती है, तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। प्रशासन ने पुनः स्पष्ट किया है कि नाले की भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण, निर्माण या बिक्री अवैध है।
निष्कर्ष
इस प्रकार के अवैध अतिक्रमण न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं बल्कि इससे स्थानीय लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रशासन की सजगता और तत्परता इस मामले में सराहनीय है। नाले की भूमि पर होने वाले अतिक्रमणों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। इस मुद्दे पर नज़र रखना आवश्यक है, क्योंकि जल स्तर में वृद्धि और जलभराव की संभावनाओं को कम करने के लिए नाले का प्राकृतिक प्रवाह बनाए रखना अनिवार्य है।
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लेखकों: राधिका शर्मा, प्रियंका तिवारी & टीम pwcnews
Keywords:
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