जिलाधिकारी के “क्विक एक्शन” से पलायन कर चुके पांच दर्जन परिवार अब अपने पूर्वजों की विरासत से फिर जोड़ेंगे अपना नाता

लोगों को डीएम की कार्य संस्कृति का तब पता चला जब दिन में जन मिलन कार्यक्रम में समस्या रखी तो,

Aug 20, 2025 - 09:53
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जिलाधिकारी के “क्विक एक्शन” से पलायन कर चुके पांच दर्जन परिवार अब अपने पूर्वजों की विरासत से फिर जोड़ेंगे अपना नाता

जिलाधिकारी के “क्विक एक्शन” से पलायन कर चुके पांच दर्जन परिवार अब अपने पूर्वजों की विरासत से फिर जोड़ेंगे अपना नाता

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लोगों को डीएम की कार्य संस्कृति का तब पता चला जब दिन में जन मिलन कार्यक्रम में समस्या रखी तो, निदान के लिए 3 घंटे बाद ही दलबल के साथ मौके में पहुंच गईं एसडीएम चम्पावत। 21 साल से सड़क सुविधा न मिलने से अपनी सोना उगलने वाली जमीन से नाता तोड़कर भीड़ का हिस्सा बने खेतीगाड़ के लोगों को जिलाधिकारी मनीष कुमार की “क्विक एक्शन” की कार्य संस्कृति का उस समय पता चला जब जन मिलन कार्यक्रम में गांव से जुड़े मुद्दे उठाए गए।

क्विक एक्शन से पलायन की स्थिति में सुधार

खेतगाड़ क्षेत्र में 21 साल का लंबा इंतजार खत्म करते हुए, जिलाधिकारी मनीष कुमार ने पलायन कर चुके पांच दर्जन परिवारों को वापस उनके गांव लौटने में सहायता प्रदान की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल इन परिवारों को अपने सांस्कृतिक धरोहर से फिर जोड़ना है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी पुनर्जीवित करना है।

जिलाधिकारी की कार्यशैली और सामाजिक उत्तरदायित्व

मनीष कुमार की कार्यशैली की सराहना करते हुए गांव के लोगों ने कहा कि उनकी “क्विक एक्शन” की मानसिकता ने एक नई उम्मीद जगाई है। उन्होंने न केवल समस्या का समाधान किया, बल्कि लोगों को यह विश्वास दिलाया कि प्रशासन उनके साथ है। जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

पलायन की चुनौतियाँ

पलायन केवल आर्थिक संकट नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत का पतन भी होता है। खेतीगाड़ जैसे इलाके में, जहां लोग प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं, यहां से पलायन के पीछे मुख्य कारण सड़क एवं परिवहन सेवाओं की कमी थी। इस समस्या के समाधान के बाद, सरकार ने ग्रामीणों को अपने पूर्वजों की विरासत के प्रति फिर से जोड़ने का एक मार्ग प्रशस्त किया है।

स्थानीय जुड़ाव और सांस्कृतिक पुनरुद्धार

पलायन कर चुके परिवारों के लौटने से न केवल गांव की जनसंख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराएँ भी पुनर्जीवित होंगी। यह पहल स्थानीय स्तर पर सहयोग को भी बढ़ावा देगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ उत्पन्न होंगी।

निष्कर्ष

जिलाधिकारी मनीष कुमार के “क्विक एक्शन” से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को समझता है और इसका सकारात्मक प्रभाव ग्रामीणों पर पड़ने वाला है। यह कदम न केवल पलायन रोकने का उपाय है, बल्कि एक नई दिशा में विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। आने वाले समय में इस तरह के और भी प्रयास होने की आवश्यकता है, ताकि हर परिवार को अपनी सांस्कृतिक पहचान और विरासत से जुड़ने का मौका मिल सके।

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