मुख्यमंत्री धामी ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत, बताई उत्तराखंड की विशेषताएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी विदेशी राजनयिकों और सुप्रसिद्ध योगाचार्य का स्वागत किया। उन्होंने इस दौरान सभी को प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, […] The post मुख्यमंत्री धामी ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत, बताई उत्तराखंड की विशेषताएं appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Jun 21, 2025 - 09:53
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मुख्यमंत्री धामी ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत, बताई उत्तराखंड की विशेषताएं

मुख्यमंत्री धामी ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत, बताई उत्तराखंड की विशेषताएं

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर एक भव्य समारोह में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। इस समारोह में भाग लेते हुए, मुख्यमंत्री ने सभी विदेशी राजनयिकों और सुप्रसिद्ध योगाचार्यों को सम्मानित किया, जिसमें उन्हें प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर समर्पित किया गया।

उत्तरीय संस्कृति का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री धामी ने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के उपस्थित राजदूतों और अन्य उच्चधिकारियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड योग और आयुष की वैश्विक राजधानी है। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व में व्यापक रूप से मनाया जाता है, जिसमें 2014 में 177 से अधिक देशों ने इसकी मान्यता दी थी।

आध्यात्मिकता और पर्यावरण की विशेषताएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दशक को उत्तराखंड के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया गया है, जहां राज्य के शुद्ध वातावरण और हिमालयी वातावरण ने इसे योग और आध्यात्मिक ध्यान के लिए उपयुक्त बना दिया है। उन्होंने कहा, "उत्तराखंड को एक वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में उभरने की संपूर्ण क्षमता है।" उनकी बातों में उत्तराखंड की जैव विविधता और यहां की अनमोल औषधियों के बारे में भी जानकारी साझा की गई।

परंपरागत ज्ञान और आधुनिक चिकित्सा

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड की संस्कृति में सदियों से योग और आयुर्वेद गहराई से समाहित है। उन्होंने उल्लेख किया कि यहां के आयुर्वेदिक संस्थान 100 साल से अधिक पुराने हैं, जैसे ऋषिकुल और गुरूकुल आयुर्वेद महाविद्यालय, जो पीढ़ियों से आयुर्वेदिक ज्ञान का विस्तार कर रहे हैं।

संस्कृतिक कार्यक्रमों का जादू

समारोह के दौरान, संपूर्ण उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की शुरुआत नंदा देवी राज जात से हुई, जिसके बाद उत्तराखंड के विभिन्न लोकनृत्य प्रदर्शित किए गए, जैसे झोड़ा-छपेली और नाटी, जिन्होंने दर्शकों का मन मोह लिया।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की नींव

विदेशीयों के इस सम्मिलन में विभिन्न देशों के राजदूत और उच्चाधिकारियों ने भाग लिया, जिससे भारत और इन देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम सभी मिलकर जीवनशैली जनित विकारों और स्वास्थय संरक्षण पर अनुसंधान एवं नवाचार कार्य कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री धामी का यह स्वागत समारोह केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह एक संदेश भी था - कि उत्तराखंड एक उभरता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां प्राचीन विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के सर्वोत्तम तत्वों का समागम होता है।

वास्तव में, उत्तराखंड की यह अनोखी विशेषताएं इसे एक अद्भुत एवं स्थायी पर्यटन स्थल बनाती हैं। प्रदेशभर की चित्रण, सांस्कृतिक समृद्धि और प्राकृतिक सौंदर्य का अन्वेषण करने का इस अवसर पर मौका मिला।

लेखन: साक्षी वर्मा, अर्चना मेहता, प्रिया शर्मा | टीम pwcnews

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