योजनाओं से हुए प्रभावित, किसकी लापरवाही से नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, संकटग्रस्त में आखिर जिम्मेदार कौन ?

पौड़ी: जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित गरीबों की परेशानियों का हाल एक बार फिर उजागर हुआ है। पौड़ी जिले के विकासखंड कल्जीखाल की ग्राम पंचायत मरोड़ा के चोपड़ा गांव में कल शाम एक मकान अचानक ध्वस्त हो गया। मकान में अकेली रह रही ऊषा देवी पत्नी दीपक सिंह इस घटना से बेघर हो गईं। […] The post योजनाओं से हुए प्रभावित, किसकी लापरवाही से नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, संकटग्रस्त में आखिर जिम्मेदार कौन ? appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Aug 22, 2025 - 18:53
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योजनाओं से हुए प्रभावित, किसकी लापरवाही से नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, संकटग्रस्त में आखिर जिम्मेदार कौन ?

योजनाओं से हुए प्रभावित, किसकी लापरवाही से नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, संकटग्रस्त में आखिर जिम्मेदार कौन ?

पौड़ी: जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित गरीबों की परेशानियों का हाल एक बार फिर उजागर हुआ है। पौड़ी जिले के विकासखंड कल्जीखाल की ग्राम पंचायत मरोड़ा के चोपड़ा गांव में कल शाम एक मकान अचानक ध्वस्त हो गया। मकान में अकेली रह रही ऊषा देवी पत्नी दीपक सिंह इस घटना से बेघर हो गईं। गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, हालांकि वर्षों पुराना कच्चा आवास है, लेकिन अब महिला के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

महिला की कठिनाइयाँ

परिवार की स्थिति दयनीय बताई जा रही है। महिला घर में अकेली रहती है, सामान्य जाति से हैं और उनके पति किसी प्राइवेट नौकरी में कार्यरत हैं। परिजन मोनू पटवाल का कहना है कि ग्राम पंचायत की खुली बैठकों में कई बार प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रस्ताव दर्ज कराया गया, लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। नतीजतन आज महिला को बेघर होने की नौबत आ गई।

सरकारी योजनाओं का अतीत और वर्तमान

पीएम आवास विहिन परिवारों को योजना प्राथमिकता दी जाती है लेकिन किन षडयंत्रों से इस प्रकार का खिलवाड़ होता नजर आया है, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं पर पलीता लगा रहे कर्मचारी आखिर कब तक षड़यंत्रों की नीति को लागू करेंगे। सरकारी तंत्रों की खुलती पोल से इस अव्यवस्था पर आखिर कब तक अंकुश लगाया जाएगा। यदि समय रहते महिला को आवास योजना का लाभ मिल जाता तो आज इस तरह की हालत नहीं देखनी पड़ती।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका

कहीं ना कहीं इस अव्यवस्था पर सवाल उठता है जनप्रतिनिधि भी गरीबों का मसीहा कब बनेंगे, आखिर निर्धन, असहाय लोगों के लिए इस प्रकार की योजनाएं कब लागू होगी यह सब भगवान भरोसे रहेगी। महिला की दिमागी हालत भी सही नहीं बताई जा रही है इस घटना से महिला सदमे में हैं। ग्राम पंचायत मरोड़ा के पूर्व प्रधान सते सिंह पटवाल ने बताया कि इस घटना की शिकायत आपदा कंट्रोल रूम में दर्ज कराई गई है जिसकी संख्या 2623 है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

राजस्व उपनिरीक्षक दौलत सिंह ने पुष्टि की कि भारी बारिश के चलते घर क्षतिग्रस्त हुआ है और इसकी रिपोर्ट तहसील को भेज दी गई है। इधर, ग्राम विकास अधिकारी सोनम गुसांई ने कहा कि वर्तमान सर्वे में ऊषा देवी का नाम दर्ज किया गया है और उन्हें जल्द ही आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे पूर्व की स्थिति की जानकारी उनके पास नहीं है क्योंकि वह हाल ही में इस क्षेत्र में नियुक्त हुई हैं।

सरकारी तंत्र की उपेक्षा

ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी तंत्र और संबंधित विभागीय लापरवाही के कारण गरीबों को योजनाओं का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। सवाल यह है कि जब योजनाएं गरीबों और बेघर लोगों के लिए बनाई गई हैं तो फिर लापरवाही और षड्यंत्रों की भेंट चढ़कर असहाय परिवार आखिर कब तक भगवान भरोसे रहेंगे?

इस प्रकार की घटनाएँ न केवल एक परिवार के लिए संकट का कारण बनती हैं, बल्कि यह भी प्रदर्शित करती हैं कि किस प्रकार सरकारी योजनाएँ उन लोगों तक नहीं पहुँच पातीं जिन्हें सबसे अधिक इसकी आवश्यकता होती है। जरूरत है कि प्रशासन और सभी संबंधित अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और उन योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँचायें।

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