Swiggy ने डिलीवरी पर 103 रुपये से सुरक्षित किए, कोर्ट ने लगाया 344 गुना जुर्माना। PWCNews

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा।

Nov 4, 2024 - 23:53
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Swiggy ने डिलीवरी पर 103 रुपये से सुरक्षित किए, कोर्ट ने लगाया 344 गुना जुर्माना। PWCNews

स्विग्गी ने डिलीवरी पर 103 रुपये से सुरक्षित किए, कोर्ट ने लगाया 344 गुना जुर्माना

हाल ही में स्विग्गी, एक प्रमुख खाद्य वितरण सेवा, को एक महत्वपूर्ण कानूनी संकट का सामना करना पड़ा है। स्विग्गी ने ग्राहकों को डिलीवरी पर 103 रुपये के चार्ज के रूप में सुरक्षित किया था, लेकिन अब उसे कोर्ट द्वारा 344 गुना जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। यह मामला उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण और उचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित है।

कानूनी विवाद का ब्योरा

स्विग्गी के खिलाफ यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब एक उपभोक्ता ने कंपनी के उच्च डिलीवरी शुल्क के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उपभोक्ता ने आरोप लगाया कि स्विग्गी की डिलीवरी फीस अनुचित थी और इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से नुकसान हुआ। न्यायालय ने इस पर सुनवाई करते हुए स्विग्गी को आदेश दिया कि वह जुर्माना भरे, जो कि कंपनी द्वारा वसूले गए शुल्क का 344 गुना है।

स्विग्गी का बयान

स्विग्गी ने इस मुद्दे पर एक बयान जारी किया है, जिसमें कंपनी ने अपने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि वे अपने सेवाओं की गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण पर पुनर्विचार करेंगे। कंपनी ने कहा कि वे उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान करते हैं और उन्हें उचित समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा

यह मामला उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है। कोर्ट के आदेश से यह स्पष्ट होता है कि कंपनियों को अपने मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और उपभोक्ताओं को अनुचित महत्वाकांक्षी शुल्क से बचाना चाहिए।

आगे की कार्रवाई

स्विग्गी को अब इस मामले में सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। यह न केवल कंपनी की छवि के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि उपभोक्ताओं के साथ कंपनी के संबंध को भी प्रभावित करेगा। ऐसे मामलों में, कंपनियों का उत्तरदायित्व होता है कि वे अपनी नीतियों का पुनरावलोकन करें।

अंततः, यह मामला सभी स्टार्टअप्स और खाद्य वितरण कंपनियों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें उपभोक्ता हितों को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए। News by PWCNews.com

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