उत्तराखंड: भयावह भालू हमले में दो महिलाएं घायल, हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया
bear attacked two women: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इन दिनों भालू आतंक फैसला हुआ है। कुछ क्षेत्रों में तो भालू मवेशियों पर ही हमला कर रहा था, परन्तु कुछ क्षेत्रों में भालू इंसानों पर भी हमला करने लगा है। ताजा मामला रुद्रप्रयाग जिले का है। रुद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र भुनाल गांव की […] The post उत्तराखंड: भालू ने दो महिलाओं पर हमला कर किया घायल, हेलीकॉप्टर से पहुंचाया गया अस्पताल appeared first on Devbhoomisamvad.com.

उत्तराखंड: भयावह भालू हमले में दो महिलाएं घायल, हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भालू के हमले बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में रुद्रप्रयाग जिले के भुनाल गांव में दो महिलाएं भालू के हमले का शिकार हुईं। उनकी गंभीर हालत के चलते उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया।
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भालू के हमले की घटना
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रभावित भुनाल गांव में हाल ही में एक चिंताजनक घटना सामने आई है। शनिवार सुबह, भालू ने दो ग्रामीण महिलाओं पर अचानक हमला कर दिया। घायलों में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला बुरांसी देवी और 52 वर्षीय शशि देवी शामिल हैं। दोनों महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं, उनके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर जख्म आए हैं।
स्थानीय युवक द्वारा सोशल मीडिया पर इस घटना की सूचना के बाद प्रशासन हरकत में आया। बक्सीर मेडिकल टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार किया। शशि देवी की हालत संगीन बताई गई, जिसके बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से अगस्त्यमुनि लाया गया और वहाँ से जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेजा गया।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश ने बताया कि दोनों महिलाओं की स्थिति गंभीर है और वे अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में हैं। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
इस संदर्भ में प्रभागीय वनाधिकारी ने जानकारी दी कि वन विभाग की टीम ने संवेदनशील क्षेत्र में कैमरा ट्रैप स्थापित करना शुरू कर दिया है ताकि भालू के मार्ग और गतिविधियों का ध्यान रखा जा सके। साथ ही, लोगों को भालू के हमलों के प्रति जागरूक करने के लिए एक जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
पिछली घटनाओं का संदर्भ
हाल ही में चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लॉक में भी एक 10 वर्षीय बालक पर भालू ने हमला किया था। बालक घास लेने जंगल गया था, तभी भालू ने उस पर हमला कर दिया। स्थानीय लोगों की मदद से उसे अस्पताल भेजा गया। यह घटना इस तथ्य को और बढ़ावा देती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भालू की संख्या बढ़ती जा रही है और यह स्थानीय लोगों के लिए खतरा बनता जा रहा है।
स्थानीय निवासियों की चिंताएं
पौड़ी जनपद में भी भालू की दहशत बनी हुई है। थलीसैण और कल्जीखाल विकासखण्ड में मवेशियों पर भालू के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने प्रशासन से भालू को आदमखोर घोषित करने की मांग की है, ताकि स्थानीय लोगों और उनके मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हाल में कुछ गांवों के लोग जिलाधिकारी से मिलकर इस समस्या के समाधान के लिए ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। उम्मीद जताई गई है कि प्रशासन इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करेगा।
निष्कर्ष
उपरोक्त घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमें जंगली जानवरों के साथ कैसे सह-अस्तित्व करना चाहिए। भालू के आक्रमण बढ़ने के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे खाद्य स्रोतों की कमी और मानव बस्तियों का विस्तार।
स्थानीय प्रबंधन और सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह सख्त नीतियों को अपनाकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। हमें जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को भी सतर्क करना होगा ताकि ऐसे अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।
इसके अलावा, आपसे निवेदन है कि ऐसी घटनाओं की जानकारी स्थानीय वन विभाग और प्राधिकृत अधिकारियों को दें।
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सादर,
टीम PWC न्यूज
समाचार का प्रभाव
यह घटनाएं न केवल स्थानीय निवासियों के लिए नुकसानदायक हैं, बल्कि ये प्राकृतिक संतुलन को भी प्रभावित कर रही हैं। भालू जैसे जंगली जीव संकट में आ रहे हैं और इससे वे लोगों के लिए और भी खतरनाक होते जा रहे हैं। सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि जंगलों और गांवों में शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व संभव हो सके।
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