पिथौरागढ़ के ज्योतेंद्र खड़ायत की शानदार उपलब्धि, बने लेफ्टिनेंट
पिथौरागढ़ के मढ़ खड़ायत के ज्योतेंद्र सिंह खड़ायत भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।...

पिथौरागढ़ के ज्योतेंद्र खड़ायत की शानदार उपलब्धि, बने लेफ्टिनेंट
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कम शब्दों में कहें तो, पिथौरागढ़ के मढ़ खड़ायत निवासी ज्योतेंद्र सिंह खड़ायत ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
ज्योतेंद्र ने OTA चेन्नई से पास आउट होने के बाद जालंधर में अपनी पहली पोस्टिंग प्राप्त की है। उनकी सफलता ने न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे पिथौरागढ़ का नाम भी रोशन किया है। ऐसे युवा पीढ़ी के लिए वह एक प्रेरणा बन गए हैं।
ज्योतेंद्र की प्रेरणादायक यात्रा
ज्योतेंद्र का बचपन से ही होशियार और मेहनती होना उनके जीवन की विशेषताओं में से एक रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अन्य खेलों में भी अपनी सक्रियता दिखायी। उनके कॉलेज के दिनों में वह हमेशा खेलों में अग्रणी रहे। ज्योतेंद्र ने ग्रेजुएशन के बाद CDS परीक्षा पास की और OTA चेन्नई में प्रशिक्षण लिया, जहाँ उन्होंने भारतीय सेना में ऑफिसर के रूप में अपनी नई यात्रा शुरू की।
परिवार का समर्थन और प्रेरणा
ज्योतेंद्र का परिवार उनकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनके पिता, भूपेंद्र सिंह खड़ायत, सैनिक के रूप में कैप्टन के पद से रिटायर हुए हैं। जब ज्योतेंद्र ने पासिंग आउट परेड में अपने कंधों पर सितारे सजाए, तो उनके पिता गर्व से फूले नहीं समाए। उनकी मां दीपा खड़ायत, एक गृहिणी हैं, जिन्होंने ज्योतेंद्र की पढ़ाई और उसकी जिम्मेदारियों को अच्छे से संभाला, जब उनके पिता विभिन्न स्थानों पर ड्यूटी पर रहते थे।
एक नई दिशा में कदम
आज के कॉर्पोरेट और मल्टी-नेशनल वर्क कल्चर में भी ज्योतेंद्र ने देश सेवा के लिए भारतीय सेना को चुना है, जो उनकी प्रेरणादायक सोच को दर्शाता है। उनका मानना है कि देश की सेवा करना सबसे बड़ा सम्मान है।
परिवार की सैन्य परंपरा
ज्योतेंद्र के दादा, दिवंगत त्रिलोक सिंह खड़ायत भी बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप में अफसर रहे हैं, और उनका यह परिवारिक बैकग्राउंड ज्योतेंद्र के सैन्य कैरियर को प्रोत्साहित करता है। उनके दृढ़ निश्चय और मेहनत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है और अब वह अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए तैयार हैं।
समुदाय की प्रसन्नता
ज्योतेंद्र की सफलता से उनके पूरे गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर है, और उनके परिजन एक गर्व की भावना के साथ उनकी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं। वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं और उनकी कहानी ने साबित किया है कि दृढ़ संकल्प और हार्दिक लगन से हर सपना संभव है।
ज्योतेंद्र खड़ायत की इस उपलब्धि पर सभी को गर्व है, और हम सभी आशा करते हैं कि वह भारतीय सेना में अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और साहस के साथ निभाएंगे।
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सादर, टीम PWC न्यूज़
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