बाल श्रम की रोकथाम को लेकर पौड़ी जनपद में चलाया अभियान, संवेदनशील क्षेत्रों में रेस्टोरेंट, दुकानों और चौराहों का किया गया निरीक्षण
पौड़ी गढ़वाल: जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने को लेकर जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल द्वारा सतत प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में जिला परिवीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार के निर्देशन में विकासखंड दुगड्डा क्षेत्र के सुभाष बाजार, मोती बाजार, धनीराम बाजार और पहाड़गंज में बाल एवं किशोर श्रम की रोकथाम को लेकर विशेष संयुक्त अभियान चलाया गया। इस […] The post बाल श्रम की रोकथाम को लेकर पौड़ी जनपद में चलाया अभियान, संवेदनशील क्षेत्रों में रेस्टोरेंट, दुकानों और चौराहों का किया गया निरीक्षण appeared first on Devbhoomisamvad.com.

बाल श्रम की रोकथाम को लेकर पौड़ी जनपद में चलाया अभियान, संवेदनशील क्षेत्रों में रेस्टोरेंट, दुकानों और चौराहों का किया गया निरीक्षण
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पौड़ी गढ़वाल: जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने को लेकर जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल द्वारा सतत प्रयास जारी हैं। जिला परिवीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार के निर्देशन में विकासखंड दुगड्डा क्षेत्र के सुभाष बाजार, मोती बाजार, धनीराम बाजार और पहाड़गंज में बाल एवं किशोर श्रम की रोकथाम के लिए विशेष संयुक्त अभियान चलाया गया। इस पहल का उद्देश्य बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और स्थानीय निवासियों को इस मुद्दे पर संवेदनशील बनाना है।
अभियान का उद्देश्य और महत्व
बाल श्रम न केवल एक कानूनी समस्या है, बल्कि यह बच्चों के जीवन के विकास में बाधा भी डालता है। बच्चों को स्कूल जाने का अवसर नहीं मिलता और वे बचपन का आनंद नहीं ले पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए, पौड़ी जनपद में बाल श्रम की रोकथाम के लिए यह अभियान शुरू किया गया। अभियान के दौरान जिला बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की संयुक्त टीम ने सक्रिय भागीदारी की।
निरीक्षण में क्या हुआ?
इस अभियान के तहत, स्थानीय रेस्टोरेंट, सैलून, किराना और कपड़े की दुकानों, चौराहों एवं सार्वजनिक स्थलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संभावित बाल श्रमिकों से संवेदनशीलता और गोपनीयता के साथ बातचीत की गई। उनके पारिवारिक और कार्यस्थल से जुड़ी परिस्थितियों की जानकारी जुटाई गई, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भविष्य की दिशा
जिला परिवीक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि यह अभियान जून और जुलाई माह में लगातार संचालित किया जायेगा। इस दौरान संवेदनशील व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित कर उन्हें विशेष निगरानी में लिया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल श्रम कानूनन अपराध है और इसके खिलाफ जनसहभागिता के बिना सफलता संभव नहीं। आने वाले दिनों में इस तरह के अभियान और अधिक व्यापक रूप से चलाये जाएंगे, ताकि बाल अधिकारों की रक्षा करते हुए जिले को पूरी तरह बाल श्रम मुक्त बनाया जा सके।
निष्कर्ष
बाल श्रम की समस्या को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। यह अभियान एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि उनके जीवन के विकास में भी सहायक होगा। उम्मीद है कि जिला प्रशासन के इस प्रयास से अन्य जनपदों में भी ऐसे अभियान चलाए जाएंगे और बच्चों को उनके अधिकार मिलेंगे।
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लेख को लिखा है: राधिका शarma एवं टीम pwcnews
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