चिराग पर चाचा पशुपति पारस की भड़की बात, अब सुलह की उम्मीद कम PWCNews
चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस के बागी तेवर अपनाए जाने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद केंद्रीय मंत्री के गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नाम से मान्यता दी गई थी।
चिराग पर चाचा पशुपति पारस की भड़की बात, अब सुलह की उम्मीद कम
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच जारी राजनीतिक विवाद ने हाल ही में एक नया मोड़ ले लिया है। चाचा पारस ने चिराग पर तीखी बातें कहकर माहौल को और गरम कर दिया है, जिससे सुलह की संभावना काफी कम हो गई है। पारस का यह बयान मानो एक चेतावनी के रूप में सामने आया है, जिसने कई राजनीतिक विश्लेषकों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
भड़कने वाला बयान
पशुपति पारस ने चिराग के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि चिराग अपने राजनीतिक करियर को लेकर आत्मप्रतिमान की बजाय परिवार की एकता को प्राथमिकता देने में असफल रहे हैं। पारस का ये बयान पारिवारिक राजनीति में दरार ने और भी जटिलता पैदा कर दी है।
सुलह की संभावनाएँ
चिराग और पारस के बीच बढ़ती दूरी को देखते हुए, अब सुलह का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि यह विवाद इसी तरह जारी रहा, तो पार्टी के भविष्य पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच आपसी वार्ता की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं।
ऐसे हालात में, समर्थन करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने मतभेदों को भुलाकर पार्टी के हित में काम करें। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि चिराग पासवान ने अपने पिता राम विलास पासवान की विरासत को संभालने का काम किया है, लेकिन परिवार के अंदर की राजनीति उन्हें मुश्किलों में डाल रही है। क्या वे इस संकट को पार कर पाएंगे? यह देखना बाकी है।
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