टनकपुर: चिकित्सकीय कार्यकर्ताओं पर हमले के बाद एसडीएम से कड़ी कार्रवाई की मांग

उप ​जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी के दौरान नर्सिंग अधिकारी से मरीज द्वारा मारपीट किए जाने का मामला टनकपुर/चम्पावत। उप जिला

Sep 4, 2025 - 18:53
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टनकपुर: चिकित्सकीय कार्यकर्ताओं पर हमले के बाद एसडीएम से कड़ी कार्रवाई की मांग

टनकपुर: चिकित्सकीय कार्यकर्ताओं पर हमले के बाद एसडीएम से कड़ी कार्रवाई की मांग

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कम शब्दों में कहें तो, टनकपुर के उप जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी के दौरान एक मरीज द्वारा नर्सिंग अधिकारी पर किए गए हमले के विरोध में चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ में भारी नाराजगी है। इस घटना ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का संक्षिप्त विवरण

टनकपुर/चम्पावत में उप जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में एक मरीज ने नर्सिंग अधिकारी के साथ न सिर्फ मारपीट की, बल्कि गाली गलौज भी की। इस घटना ने नर्सिंग स्टाफ को अत्यधिक परेशान कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, नर्सिंग अधिकारी ने इस मामले की तहरीर पुलिस को सौंपी है, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

स्वास्थ्यकर्मियों की नाराजगी

नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों में नाराजगी का मुख्य कारण यह है कि पुलिस द्वारा मामले में लापरवाही बरतने से कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा को खतरा बन गया है। स्वास्थ्यकर्मियों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।

सुरक्षा की आवश्यकताएं

इस घटना ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है। यदि चिकित्सीय कर्मियों को ही सुरक्षा नहीं मिलती, तो वे अपने कार्य में कैसे समर्पित रह सकते हैं? इस संदर्भ में, स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

एसडीएम से मिलने की पहल

इस स्थिति को लेकर चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ने एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) से मिलने की योजना बनाई है। उनका उद्देश्य है कि सरकारी अधिकारियों के पास इस मुद्दे को लेकर एक सशक्त मांग उठाई जाए और सुरक्षा कवच को सुनिश्चित किया जाए।

आगे की कार्रवाई

स्वास्थ्यकर्मियों ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले की शांतिपूर्ण लेकिन ठोस तरीके से संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ेंगे। नर्सिंग स्टाफ का मानना है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस घटना ने न केवल टनकपुर, बल्कि समस्त स्वास्थ्य प्रणाली को सोचने पर मजबूर किया है कि कैसे चिकित्सकीय कार्मिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के प्रति जागरूकता और उनके अधिकारों के प्रति समर्पण रखने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को उनके काम के लिए सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए।

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टीम PWC News

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