नियमितीकरण की मांग का आंदोलन 362 दिन का संघर्ष: कर्मचारियों का पौधारोपण अभियान

संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रांतीय आवाहन पर नियमितीकरण नियमावली कट...

Jul 2, 2025 - 18:53
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नियमितीकरण की मांग का आंदोलन 362 दिन का संघर्ष: कर्मचारियों का पौधारोपण अभियान

नियमितीकरण की मांग का आंदोलन 362 दिन से जारी

कम शब्दों में कहें तो, नियमितीकरण की मांग को लेकर कर्मचारी महासंघ का आंदोलन 362 दिनों से जारी है। यह आंदोलन कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रांतीय आवाहन पर चलाया जा रहा है और इसमें पौधारोपण कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण के संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - PWC News

आंदोलन का महत्व और पृष्ठभूमि

यह आंदोलन उन कर्मचारियों ने शुरू किया है जो नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। पिछले 362 दिनों से, इस संघर्ष में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हैं। इसके प्रमुख नेता, दिनेश गुरु रानी के नेतृत्व में, कर्मचारियों ने न केवल नियमितीकरण की मांग उठाई है, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाई है। पौधारोपण कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया है कि उनके अधिकारों को पाने के साथ-साथ, पर्यावरण के प्रति भी सजग रहना आवश्यक है।

पौधारोपण कार्यक्रम: पर्यावरण और सन्देश

महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरु रानी ने पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान सभी पर्यटकों को निमंत्रण देते हुए कहा, “देवभूमि में पर्यटक बनकर आईए और पौधारोपण कर पर्यावरण मित्र बनकर जाइए।” इस खास पहल के माध्यम से उन्होंने ना केवल प्रदर्शन को साकारात्मक दिशा दी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक कदम आगे बढ़ाया। दिन प्रतिदिन, विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जा रहा है और पहले से लगाए गए पौधों की देखभाल की जा रही है।

स्थानीय समुदाय का समर्थन और प्रतिक्रिया

इस आंदोलन को स्थानीय समुदाय का व्यापक समर्थन मिल रहा है। लोग मानते हैं कि नियमितीकरण न केवल कर्मचारियों के लिए स्थिरता लाएगा, बल्कि यह नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। राज्य सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए नियमितीकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है, जिससे आंदोलनकारियों में अपेक्षा की लहर है।

आगे की योजनाएँ

आंदोलनकर्ता ऐसी स्थिति में हैं कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे और अधिक सख्त कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। उनका स्पष्ट संदेश है कि सरकार को जल्दी से जल्दी नियमितीकरण नियमावली लागू करनी चाहिए, ताकि उन्हें उनके कानूनी अधिकार मिल सकें।

निष्कर्ष

यह आंदोलन न केवल सामाजिक न्याय के लिए एक निरंतर प्रयास है, बल्कि प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण उपाय भी बन गया है। आगे देखना यह है कि सरकार इस आंदोलन का संज्ञान लेकर नियमितीकरण की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाती है। इस संदर्भ में, यह भी आवश्यक है कि जनता अपने अधिकारों के लिए संगठित हो और अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सचेत रहे।

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लेखक: सुनैना शर्मा, टीम PWC News

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