पीओके में भड़का जन आक्रोश: जनता ने उठाया ऐसा कदम, जो सबको चौंका देगा!
पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसका भारत को 78 सालों से इंतजार था। 1947 में पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए गए इस इलाके में अब पीओके की जनता ने भारत समर्थक जंग छेड़ दी है। हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पीओके स्वयं […] The post पीओके में क्या हुआ? जनता ने किया ऐसा काम, जो सबको चौंका देगा! appeared first on Khabar Sansar News.

पीओके में भड़का जन आक्रोश: जनता ने उठाया ऐसा कदम, जो सबको चौंका देगा!
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कम शब्दों में कहें तो, पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके में हालात तेजी से बदल रहे हैं। स्थानीय जनता ने भारत समर्थक जंग छेड़ कर इतिहास के एक नए अध्याय की शुरुआत की है।
वास्तव में, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से आई तस्वीरों ने भारत में हलचल मचा दी है। 78 सालों से जिस परिवर्तन की उम्मीद थी, अब वह धीरे-धीरे आकार ले रहा है। हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि पीओके भारत की ओर लौटेगा, और यहाँ की जनता ने इस आह्वान को गंभीरता से लिया है।
सड़क पर विरोध और पाकिस्तानी सेना की चुनौती
पीओके में जनसैलाब ने जबसे प्रदर्शन शुरू किया है, तबसे स्थिति काफी तनावग्रस्त हो गई है। स्थानीय निवासियों ने पाकिस्तानी सेना और पुलिस की गाड़ियों को नदी में फेंक कर अपनी आवाज़ उठाई। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, 250 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक और पुलिसकर्मी बंधक बन गए। पाकिस्तानी पुलिस ने अपनी हार मान ली और प्रदर्शनकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मुख्य शहरों में व्यापक धरना-प्रदर्शन
रावलकोट, हजीरा, अब्बासपुर, खाई गाला, पनिओला और त्राखेल जैसे क्षेत्रों में हजारों नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने इस अराजकता को दिखाई और इसे एक बड़ी खबर के तौर पर पेश किया। यहां स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के राजनेताओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है।
जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
जम्मू-कश्मीर संयुक्त जन कार्रवाई समिति के नेता शौकत नवाज मीर ने 1 अक्टूबर को मुजफ्फराबाद की ओर लंबा मार्च निकालने की घोषणा की है। यह प्रदर्शन केवल पीओके तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी, ब्रिटेन में कश्मीरी समुदाय ने पाकिस्तान के उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया है।
जनता की प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारियों ने 38 केंद्रित मांगें रखी हैं, जिनमें मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और पाकिस्तान सरकार की हस्तक्षेप की अपेक्षा शामिल हैं। पीओके की जनता ने साफ किया है कि उनका संघर्ष केवल आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि भारत के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को पुनः स्थापित करने के लिए भी है।
इस घटनाक्रम ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा है। यह जानने के लिए कि आगे क्या होगा, हमें आगामी दिनों में पीओके के विकासों पर नजर रखनी होगी।
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संपादकीय टिप्पणी: पीओके की जनता की यह आवाज़ निश्चित रूप से पाकिस्तान और उसके अधिकारियों के लिए एक अलार्म का काम करेगी। यह भविष्य में इस क्षेत्र की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
सादर,
दीप्ति शर्मा
टीम PWC News
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