बांग्लादेश में हिंदू महिला से बलात्कार, छात्र विरोध प्रदर्शनों ने पकड़ी ठोस मांगें
बांग्लादेश में 21 वर्षीय हिंदू महिला से बलात्कार की दर्दनाक घटना के बाद, राजधानी ढाका में छात्रों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। ढाका विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र विरोध में सड़कों पर उतर आए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान छात्र ताली बजाते और “बलात्कारियों को फांसी दो” जैसे नारे […] The post बांग्लादेश में हिंदू महिला से बलात्कार, वीडियों वायरल, सड़कों पर उतरे छात्र appeared first on Khabar Sansar News.

बांग्लादेश में हिंदू महिला से बलात्कार, छात्र विरोध प्रदर्शनों ने पकड़ी ठोस मांगें
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कम शब्दों में कहें तो, बांग्लादेश में 21 वर्षीय हिंदू महिला के साथ बलात्कार की दिल दहलाने वाली घटना ने राजधानी ढाका में छात्रों को एकजुट कर दिया है। छात्रों ने सड़कों पर उतरकर आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान, वे नारे लगाते हुए नजर आए, जैसे “बलात्कारियों को फांसी दो”, जिससे बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएँ उठने लगी हैं।
घटना का विस्तृत विवरण
यह अमानवीय घटना 26 जून 2025 को कुमिला जिले के रामचंद्रपुर पचकित्ता गांव में हुई। इसमें मुख्य आरोपी, 38 वर्षीय फजोर अली, का संबंध बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से है, जो पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी है। फजोर अली ने सायं लगभग 10 बजे पीड़िता के घर में घुसकर बलात्कार किया। पीड़िता उस समय अपने पिता के घर में रह रही थी, जबकि उसका पति दुबई में काम कर रहा था।
स्थानीय निवासियों ने आरोपी को पकड़ने का अस unsuccessfully प्रयास किया, लेकिन वह भागने में सफल रहा। 27 जून को दर्ज की गई शिकायत के बाद पुलिस ने सैदाबाद इलाके से फजोर अली को गिरफ्तार किया। उसके साथ-साथ चार अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया, जिनमें से तीन पर इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आरोप है।
विरोध प्रदर्शनों की स्थिति
घटना के बाद ढाका के छात्र संगठनों ने घटना के प्रति अपनी गहरी नाराजगी जताने के लिए सामूहिक प्रदर्शन का आयोजन किया। “बलात्कारियों को फांसी दो” जैसे नारे लगाते हुए, छात्रों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों की भावनाएँ साफ थीं; वे चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे और तत्काल न्याय प्रदान करे। वे चिंतित हैं कि ऐसे अपराधों की दर बढ़ रही है, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ।
सामाजिक और धार्मिक तनाव का वृहत परिप्रेक्ष्य
इस घटना ने न केवल ढाका बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी साम्प्रदायिक तनाव को जन्म दिया है। स्थानीय समुदाय के लोगों ने इसे हिंदू जनसंख्या पर एक योजनाबद्ध हमला बताया है। मानवाधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से अपील की है कि वे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और तात्कालिक कार्रवाई करें।
बांग्लादेश में हाल के वर्षों में हिंदू समुदाय पर हुई हिंसक घटनाओं में तेजी आई है, जिससे सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह स्थिति सरकार और स्थानीय नेताओं के लिए एक चुनौती बन गई है, क्योंकि वे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच संतुलन बनाए रखने में असमर्थ दिख रहे हैं।
निष्कर्ष: उठती आवाज़ें और जिम्मेदारियों की मांग
यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का एक स्पष्ट संकेत है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत प्रभावी कदम उठाए और सुनिश्चित करे कि बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि समाज में न्याय और सहिष्णुता की भावना को बनाए रखा जा सके। हिंसा के इस माहौल में, लोगों की आशा है कि उनकी आवाज़ सुनाई देगी और अपराधियों को उनके कर्मों का न्याय चुकाना होगा।
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