राज्यसभा में विपक्ष पर भड़क गए सभापति जगदीप धनखड, कहा- घड़ियाली आंसू बहाना बंद करिए। PWCNews
सभापति धनखड़ ने कहा कि सदस्यों द्वारा पहले दिए गए नियम 267 के नोटिसों में से कोई भी किसानों के मुद्दों से संबंधित नहीं था। राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों ने किसानों के मुद्दों को लेकर हंगामा किया।
राज्यसभा में विपक्ष पर भड़क गए सभापति जगदीप धनखड
घड़ियाली आंसू बहाना बंद करिए
हाल ही में, राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड ने विपक्ष के सदस्यों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उन्हें घड़ियाली आंसू बहाना बंद करना चाहिए। यह बयान उस समय आया जब विपक्ष ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई। धनखड ने स्पष्ट किया कि सदन की गरिमा और कार्यप्रणाली को बनाए रखना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है।
सभापति की टिप्पणियों ने एक गंभीर चर्चा को जन्म दिया है कि किस प्रकार विपक्ष को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर आप केवल नारेबाजी करने के लिए आए हैं और ठोस बहस नहीं कर रहे हैं, तो यह सदन के लिए सही नहीं है।" उनकी बातें विपक्षी नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश था कि संसद में गंभीरता से कार्य किया जाना चाहिए।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने धनखड के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी ओर से किए जा रहे सवाल वास्तविकता के प्रति जागरूकता की दिशा में हैं। एक विपक्षी नेता ने कहा, "हम सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं ताकि देश के नागरिकों की समस्याओं को उजागर किया जा सके। यह कोई घड़ियाली आंसू नहीं हैं, बल्कि सच्चाई है।"
इस विवाद ने आलोचना और समर्थन दोनों को जन्म दिया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी चर्चाएँ वास्तव में संसद की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी बना सकती हैं।
निष्कर्ष
राज्यसभा में हुए इस घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि संसद में बहस और चर्चा की आवश्यकता है। चाहे विपक्ष की आलोचना हो या सरकार की नीतियों की समीक्षा, सभी को मिलकर एक मंच पर आकर काम करना होगा। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल राजनीति में, बल्कि लोकतंत्र की स्थिति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
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