सीधा इंकार मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज साझा करने की मांग पर चुनाव आयोग

खबर संसार देहरादून.सीधा इंकार मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज साझा करने की मांग पर चुनाव आयोग. जी हा वेबकास्टिंग या सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग को चुनाव आयोग ने पूरी तरह से नकारा.मतदान दिवस की वेबकास्टिंग या सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग को चुनाव आयोग ने पूरी तरह से नकार दिया […] The post सीधा इंकार मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज साझा करने की मांग पर चुनाव आयोग appeared first on Khabar Sansar News.

Jun 21, 2025 - 18:53
 51  501.8k
सीधा इंकार मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज साझा करने की मांग पर चुनाव आयोग

सीधा इंकार मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज साझा करने की मांग पर चुनाव आयोग

खबर संसार देहरादून। चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज साझा करने की मांग को पूरी तरह से नकार दिया है। आयोग का कहना है कि इस मांग के पीछे मतदाता की गोपनीयता को नुकसान पहुंचाने की मंशा छिपी हुई है। मतदान दिवस की वेबकास्टिंग या सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने से यह स्पष्ट रूप से सामने आ सकता है कि कौन मतदाता मतदान करने आया और कौन नहीं।

चुनाव आयोग का निर्णय और उससे जुड़े बिंदु

चुनाव आयोग ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वेबकास्टिंग, जो मतदान केंद्रों की निगरानी का एक तरीका है, सिर्फ एक आंतरिक प्रबंधन उपकरण है। यह कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। आयोग ने बताया कि यह फुटेज केवल 45 दिनों तक सुरक्षित रखी जाती है। यदि इस अवधि में कोई चुनाव याचिका नहीं दायर होती, तो यह फुटेज नष्ट कर दी जाएगी। केवल अदालत के आदेश पर ही इस फुटेज को उपलब्ध कराया जाएगा।

मतदाता की गोपनीयता का अधिकार

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज बनाम भारत सरकार (2013) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि मतदाता को मतदान न करने का भी अधिकार है और उनकी गोपनीयता उसी तरह महत्वपूर्ण है जैसा कि मतदान करने वाले की। मतदान केंद्रों की वीडियो रिकॉर्डिंग में मतदाताओं की पहचान और उनकी उपस्थिति की पुष्टि हो सकती है। इसके माध्यम से मतदान की गोपनीयता को भंग किया जा सकता है, जो कि एक दंडनीय अपराध है।

चुनाव आयोग की जिम्मेदारियां

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि वह किसी भी राजनीतिक दबाव में आकर मतदाता की सुरक्षा और गोपनीयता से समझौता नहीं करेगा। आयोग ने जोड़ा कि जब तक सक्षम न्यायालय द्वारा कोई आदेश नहीं दिया जाता, तब तक किसी भी वीडियो फुटेज को साझा नहीं किया जाएगा। यह चुनाव आयोग की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह मतदाताओं की गोपनीयता की सुरक्षा करे।

सारांश

आयोग के इस निर्णय का व्यापक असर हो सकता है, क्योंकि यह न केवल लोकतंत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखता है, बल्कि मतदान प्रक्रिया में गोपनीयता को भी सुनिश्चित करता है। नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना लोकतंत्र का अनिवार्य हिस्सा है, जिससे चुनाव आयोग का यह कदम सराहनीय है।

इस महत्वपूर्ण विषय पर और अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ: pwcnews.com

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - pwcnews

Keywords:

voting transparency, election commission, voter privacy, webcasting elections, CCTV footage elections, electoral rights, India's election process, democratic integrity, public transparency

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow