16 साल के बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया! इस देश में विधेयक पारित | PWCNews
कम उम्र में बच्चों की सोशल मीडिया की लत से अभिवावक भी कई बार परेशान रहते हैं। हालांकि, एक ऐसा भी देश है जो कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन करने जा रहा है।
16 साल के बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया! इस देश में विधेयक पारित
हाल ही में, एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुआ है जो 16 साल तक के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जाने से रोकता है। यह कदम इस देश में बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह विधेयक संसद में व्यापक चर्चा के बाद पास किया गया, जिसमें विशेषज्ञों, डॉक्टरों और अभिभावकों ने अपनी चिंताएं साझा कीं।
विधेयक का उद्देश्य
विधेयक का मुख्य उद्देश्य युवाओं को ऑनलाइन खतरों से बचाना है, जिसमें साइबर धमकी, व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। अब 16 साल से कम उम्र के युवा अपनी उम्र के बढ़ने तक सोशल मीडिया का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इसके तहत, सोशल मीडिया कंपनियों को कई नए नियमों का पालन करना होगा ताकि वे फ़िल्टर कर सकें कि युवा उपयोगकर्ता प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर रहे हैं या नहीं।
इस विधेयक के प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विधेयक के लागू होने से समाज में कई सकारात्मक बदलाव आएंगे। बच्चों को अधिक समय पढ़ाई, खेलों और अन्य स्वस्थ गतिविधियों में बिताने को मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि सोशल मीडिया अक्सर चिंता और अवसाद का कारण बनता है।
अभिभावकों की राय
अभिभावक भी इस विधेयक के पक्ष में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना कराना शुरू कर दिया है। विधेयक के लागू होने से वे अपने बच्चों को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे। कुछ अभिभावकों ने यह भी कहा है कि इस फैसले से वे अपने बच्चों को अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर पाएंगे।
समाज में चर्चा
इस विधेयक को लेकर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे अत्यधिक सख्त मानते हैं, जबकि कुछ इसे उचित कदम मानते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों दुनिया में सुरक्षित रखा जा सके।
अंततः, यह विधेयक निश्चित रूप से बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसका पालन कैसे किया जाएगा, यह देखने की बात होगी।
News by PWCNews.com
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