₹8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी केंद्र सरकार, जानें किस काम में आएगी इतनी बड़ी राशि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अगले वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए लॉन्ग टर्म सिक्यॉरिटीज जारी कर 14.82 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव किया है। वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा, जीडीपी के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।

₹8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी केंद्र सरकार, जानें किस काम में आएगी इतनी बड़ी राशि
भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह ₹8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। यह कदम वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए उठाया जा रहा है। यह राशि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, नई विकास परियोजनाओं को शुरू करने और मौजूदा परियोजनाओं के लिए फंडिंग सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
उद्देश्य और लाभ
इस कर्ज का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में किया जाएगा, जिसमें बुनियादी ढाँचा विकास, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि ये निवेश न केवल सरकारी परियोजनाओं को बढ़ावा दें, बल्कि निजी क्षेत्र में भी निवेश को आकर्षित करें। इस राशि का एक हिस्सा विशेष रूप से डिजिटल इंडिया परियोजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, और स्वच्छ भारत अभियान जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के लिए आवंटित किया जाएगा।
कर्ज जुटाने की प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने इस कर्ज को जुटाने के लिए बांड जारी करने की योजना बनाई है। यह बांड घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों निवेशकों के लिए उपलब्ध होंगे। इससे सरकारी वित्त को मजबूती मिलेगी और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता में वृद्धि होगी। इसके अलावा, यह निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति में बदलावों के अनुकूल भी है।
देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कर्ज जुटाने से विभिन्न क्षेत्रीय राजस्व में वृद्धि हो सकती है, जो कि रोजगार सृजन में मदद करेगा। इसके साथ ही, इससे सरकारी परियोजनाओं का समय पर पूरा होना भी सुनिश्चित होगा। ऐसे विकासात्मक उपाय न केवल देश की GDP को बढ़ाएंगे, बल्कि आम जनता के जीवन स्तर में सुधार भी लाएंगे।
कुल मिलाकर, केंद्र सरकार का यह निर्णय हमारे देश के आर्थिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए PWCNews.com पर जाएं।
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