India TV Speed News Wellness Conclave: बच्चे भी होने लगे हैं पैनिक अटैक का शिकार, एक्सपर्ट से जानें कैसे कम होगी बच्चों की घबराहट?
आजकल बच्चे भी पैनिक अटैक का शिकार होने लगे हैं। यह आमतौर पर किशोरावस्था में शुरू होता है। अगर इसका इलाज न हो, तो भविष्य में गंभीर अवसाद और आत्मघाती व्यवहार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

India TV Speed News Wellness Conclave: बच्चों में पैनिक अटैक की बढ़ती समस्या
News by PWCNews.com
पैनिक अटैक: बच्चों की नई चुनौती
हाल के दिनों में बच्चों में पैनिक अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। यह समस्या न केवल माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन गई है, बल्कि समाज में भी इसके प्रति जागरूकता बढ़ रही है। आज के भारत में, बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
एक्सपर्ट्स की राय: कारण और समाधान
वेलनेस कॉन्क्लेव में भाग लेते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों में तनाव और घबराहट के कारण कई हो सकते हैं। इनमें से कुछ हैं: उच्च प्रतिस्पर्धा का दबाव, स्कूलों में भारी पढ़ाई का बोझ, सामाजिक मीडिया का प्रभाव, और पारिवारिक तनाव।
पैनिक अटैक से निपटने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं:
- बच्चों को ध्यान और मेडिटेशन सिखाना।
- सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना।
- माता-पिता के लिए शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करना, जिससे वे बच्चों की समस्याओं को समझ सकें।
बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में कदम
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि परिवार और स्कूल मिलकर काम करें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बचपन में ही अगर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए तो भविष्य में पैनिक अटैक जैसी समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
निष्कर्ष
बच्चों में पैनिक अटैक की समस्या को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। माता-पिता और समाज के सभी सदस्यों को मिलकर इस दिशा में काम करने की जरूरत है। अधिक जानकारी और सलाह के लिए, कृपया PWCNews.com पर जाएं।
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