S&P का भारतीय जीडीपी ग्रोथ पूर्वानुमान में की कटौती, जानें FY2026 और FY2027 के लिए उनकी नज़र PWCNews
सएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चीन के लिए विकास दर को साल 2024 में 4.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन अगले साल के पूर्वानुमान को पहले के 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.5 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया।
S&P का भारतीय जीडीपी ग्रोथ पूर्वानुमान में की कटौती
भारतीय अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव के बीच, स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) ने भारतीय जीडीपी ग्रोथ पूर्वानुमान में कटौती की है। यह निर्णय मुख्यतः वैश्विक आर्थिक परिस्थिति और देश के भीतर चल रहे आर्थिक सुधारों की समीक्षा के बाद लिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव भारतीय बाजारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
FY2026 और FY2027 के लिए S&P की नज़र
S&P ने FY2026 और FY2027 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के पूर्वानुमान को कम कर दिया है।आर्थिक तनाव, सरकार की नीतियों, और वैश्विक बाजारों में बदलाव को दृष्टिगत रखते हुए, S&P के विश्लेषकों ने इन वर्षों में भारत की विकास दर को नीचे आंका है। इससे निवेशकों को आगामी निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
क्यों हुई कटौती?
इस कटौती का मुख्य कारण वैश्विक मंदी, मुद्रास्फीति, और घरेलू मांग में कमी है। S&P के अनुसार, इन कारकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता को प्रभावित किया है। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गतिशीलता और स्थानीय विनिर्माण क्षेत्र की चुनौतियाँ भी इसका एक हिस्सा हैं।
भविष्य के लिए क्या उम्मीदें हैं?
S&P का मानना है कि अगर सरकार की नीतियों में सकारात्मक बदलाव होता है और विदेशी निवेश में वृद्धि होती है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से उभर सकती है। इस दिशा में केंद्र सरकार के प्रयास महत्वपूर्ण रहेंगे। विभिन्न आर्थिक संकेतकों पर नजर रखने के लिए, निवेशकों को सतर्क रहना आवश्यक है।
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