पुरी के जगन्नाथ मंदिर की दीवार पर दरारें, खतरा कितना? ASI से मरम्मत की मांग! PWCNews
जगन्नाथ मंदिर को घेरने वाली विशाल दीवार 'मेघनाद पाचेरी' में कई दरारें आ गई हैं। अब इस मंदिर की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर की दीवार पर दरारें: खतरा कितना?
पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर, जो कि भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, हाल ही में दीवारों में दरारें देखने को मिली हैं। यह स्थिति भक्तों और पुरी के निवासी समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई है। मंदिर की संरचना की सुरक्षा और स्थिरता को देखते हुए, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से मरम्मत की मांग की गई है।
क्या हैं दरारों के कारण?
विशेषज्ञों ने बताया है कि मौसम परिवर्तन, साथ ही समुद्र के पास होने के कारण नमी और नमक के प्रभाव से मंदिर की दीवारों में दरारें आ सकती हैं। लंबे समय तक धूप और बारिश के संपर्क में रहने से भी इस तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इन दरारों को नजरअंदाज करना मंदिर के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
ASI की भूमिका
ASI, जो कि भारतीय धरोहरों के संरक्षण हेतु जिम्मेदार है, को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी तकनीकी टीम को संरचनाओं की स्थिति का विस्तृत अध्ययन करना चाहिए। इस अध्ययन के बाद ही उचित मरम्मत और रोकथाम के कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या हैं अगले कदम?
विभिन्न संगठनों और भक्तों ने अपने-अपने तरीके से ASI से अपील की है कि वे शीघ्रता के साथ इस मामले का समाधान करें। भक्तों की भावनाओं के साथ-साथ मंदिर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि दीवारें सुरक्षित और स्थिर रहें, तत्काल मरम्मत कार्य की आवश्यकता है।
जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा का विषय केवल भक्तों के लिए नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे जुड़े हर पहलू पर ध्यान देना अनिवार्य है।
News by PWCNews.com
- जगन्नाथ मंदिर दीवार दरारें
- पुरी मंदिर सुरक्षा चिंता
- ASI मरम्मत मांग
- पुरी धार्मिक स्थल
- भारतीय विरासत संरक्षण
- मंदिर दरारें क्या करें
What's Your Reaction?