इंदौर में धमाकेदार दीपावली की परंपरा: हिंगोट युद्ध में देशी रॉकेट का बरसना, 17 योद्धा घायल - PWCNews

माना जाता है कि प्रशासन हिंगोट युद्ध पर इसलिए पाबंदी नहीं लगा पा रहा है क्योंकि इससे क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं। हिंगोट युद्ध की परम्परा इंदौर के पूर्ववर्ती होलकर राजवंश के जमाने से पिछले 300 साल से चल रही है।

Nov 1, 2024 - 23:00
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इंदौर में धमाकेदार दीपावली की परंपरा: हिंगोट युद्ध में देशी रॉकेट का बरसना, 17 योद्धा घायल - PWCNews

इंदौर में धमाकेदार दीपावली की परंपरा: हिंगोट युद्ध में देशी रॉकेट का बरसना, 17 योद्धा घायल

दीपावली का त्योहार भारत में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इंदौर में इस आयोजन की एक अनोखी परंपरा है - हिंगोट युद्ध। यह विशेष युद्ध हर साल दीपावली के आस-पास आयोजित किया जाता है और इस साल भी इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। हालांकि, इस वर्ष की घटना में एक अप्रत्याशित मोड़ आया जब 17 योद्धा घायल हो गए।

हिंगोट युद्ध का महत्व

हिंगोट युद्ध, जो कि इंदौर की एक प्राचीन परंपरा है, में लोग एक-दूसरे पर देशी रॉकेटों से हमले करते हैं। यह युद्ध असल में प्रतिरोध और जंग के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। परंतु, इस उत्सव में सुरक्षा की कमी के कारण कभी-कभी यह खतरनाक भी साबित हो सकता है।

घायलों की स्थिति

इस बार की हिंगोट युद्ध में, देशी रॉकेटों के बरसने से 17 योद्धा घायल हो गए हैं। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने बाद में इस बार की सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

सुरक्षा उपायों की जरूरत

हिंगोट युद्ध की इस परंपरा को देखकर स्थानीय लोग उत्साहित तो होते हैं, लेकिन साथ ही सुरक्षा के उपायों के प्रति जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता भी है। पिछले कुछ वर्षों में इस तरह की घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं, जिससे यह साबित होता है कि सावधानी बरतना आवश्यक है।

दीपावली की खुशी और परंपरा को बनाए रखते हुए, सुरक्षा मानदंडों का पालन करना बेहद जरूरी है। इस संबंध में सुझाव दिए जाने चाहिए कि स्थानीय प्रशासन और आयोजकों को इस परंपरा के दौरान सुरक्षा उपायों को सख्त बनाना चाहिए।

हिंगोट युद्ध से जुड़े और अपडेट्स के लिए बने रहिए News by PWCNews.com पर।

निष्कर्ष

इस बार का हिंगोट युद्ध केवल एक उत्सव का प्रतीक नहीं था, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि हमें परंपराओं को मनाते समय सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। आगे की घटनाओं में सावधानी बरतते हुए हमें इस अनोखी परंपरा का आनंद लेना चाहिए। keywords: इंदौर हिंगोट युद्ध दीपावली रॉकेट, 17 घायलों की संख्या, दीपावली परंपरा, हिंगोट युद्ध की सुरक्षा, भारतीय त्योहार परंपराएं, इंदौर के उत्सव, दीपावली की अनोखी परंपरा, देशी रॉकेट का उपयोग, हिंगोट युद्ध के चलते घायलों की संख्या, दीपावली उत्सव में सुरक्षा उपाय

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