उत्तराखंड में बादल फटने से भारी तबाही, मजदूरों की तलाश जारी
उत्तरकाशी/उत्तराखंड : यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बीती रात बादल फटा। घटना की

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उत्तराखंड में बादल फटने की घटना: लापता मजदूरों की खोज तेज
उत्तरकाशी, उत्तराखंड: बीती रात, यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी और डाबरकोट के बीच एक भीषण बादल फटने की घटना घटी, जिससे इलाके में भारी तबाही मच गई। जैसे ही अधिकारियों को इस घटना की सूचना मिली, पुलिस, प्रशासन, SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के दल तुरंत घटनास्थल पर पहुँच गए ताकि लापता व्यक्तियों की खोज की जा सके।
यह वाकया क्षेत्र में एक गहरा साया छोड़ गया है, क्योंकि दो मजदूर जो बादल फटने से उत्पन्न भूस्खलन के कारण लापता हो गए थे, उन्हें बाद में 18 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे, तिलाडी शहीद स्मारक के निकट मृत अवस्था में पाया गया। राहत कार्य जारी है, क्योंकि सात और लोग अब भी लापता हैं, जिसके चलते खोज की प्रक्रिया को तेज किया गया है।
घटनाक्रम की जानकारी
अधिकारियों को रात के समय बादल फटने के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, जिसके कारण तुरंत बचाव दल सक्रिय हो गए। क्षेत्र में भारी बारिश ने अचानक बाढ़ और भूस्खलन का कारण बना, जिससे काम करने वाले लोगों के लिए वातावरण अत्यधिक ख़तरनाक हो गया। दो मजदूरों के शव नदी के किनारे से बरामद किए गए, जहां पानी उन्हें फ्लड के दौरान बहा ले गया था।
NDRF के दल ने अन्य लापता व्यक्तियों को तलाशने के लिए व्यापक खोज अभियान चलाने का निर्णय लिया। राहत कार्यों में बारिश और अस्थिर भूमि की स्थिति ने चुनौतियों का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासी भी यहां इकट्ठा हुए और जहां संभव हो, मदद प्रदान की और बचाव कार्यों में सहयोग किया।
सरकार की प्रतिक्रिया और समुदाय का समर्थन
स्थानीय सरकार ने मृतक के परिवारों और प्रभावित व्यक्तियों को आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यमुनोत्री हाईवे पर सुरक्षा उपायों का मूल्यांकन किया जाएगा। समुदाय के सदस्य इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों को सहायता देने के लिए एकजुट हो रहे हैं, जो संकट के समय एकता की मिसाल पेश कर रहा है।
उत्तराखंड सरकार ने राहत शिविर स्थापित किए हैं, और स्थानीय गैर सरकारी संगठन (NGOs) राहतकर्मियों और प्रभावित परिवारों के लिए आवश्यक सामग्री लाने के लिए काम कर रहे हैं। इस तरह की घटनाओं के बीच समुदाय की मजबूती देखने को मिल रही है, जहां लोग एकजुट होकर उम्मीद का संचार कर रहे हैं।
निष्कर्ष
यह दिल दहला देने वाली घटना प्राकृतिक आपदाओं के प्रति बेहतर तैयारियों की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है, विशेष रूप से उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में, जो भूस्खलनों और बाढ़ के लिए प्रवृत्त हैं। जांच जारी है, और अधिकारियों ने लापता व्यक्तियों को जल्द से जल्द खोजने का संकल्प लिया है। हमारे विचार इस मुश्किल समय में प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
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