करन माहरा का धामी सरकार पर बड़ा हमला, UKSSSC पेपर लीक पर उठाए प्रश्न
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने आज राज्य में आयोजित UKSSSC की स्नातक स्तरीय...

करन माहरा का धामी सरकार पर बड़ा हमला, UKSSSC पेपर लीक पर उठाए प्रश्न
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - PWC News
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने UKSSSC की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले पर धामी सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे युवाओं के भविष्य के साथ बड़ा धोखा बताया।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने आज एक बार फिर उस गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाई है जिससे लाखों युवाओं का भविष्य प्रभावित हो रहा है। UKSSSC की स्नातक स्तरीय पटवारी भर्ती परीक्षा में सामने आए पेपर लीक के मामले को लेकर उन्होंने धामी सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना है कि यह घटनाक्रम उन लाखों युवाओं के लिए एक और बड़ी नाइंसाफी है, जो वर्षों से सरकारी नौकरी की उम्मीद में हैं।
करन माहरा ने कहा कि धामी सरकार ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 के माध्यम से इसे देश का सबसे सख्त नकल-विरोधी कानून करार दिया था। सरकार का दावा था कि यह युवाओं के हितों की रक्षा करेगी और नकल माफिया को जड़ से समाप्त करेगी। लेकिन अब जब पेपर लीक की घटना सामने आई है, तो बडी-बडी बातें करने वाली सरकार की सारी बातें बेकार साबित हुई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के अपने पूर्व नेता को भी इस मामले में गिरफ्तार होना पड़ा। कांग्रेस ने पहले ही इस पर संदेह जताया था कि सरकार इस सारे मामले में बड़े नेताओं और उच्च अधिकारियों को बचाने का काम कर रही है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि पेपर लीक माफिया प्रदेश में सक्रिय है और धामी सरकार पूरी तरह निष्क्रिय है।
करन माहरा ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है, “भाजपा नेताओं का पाला हुआ नकल माफिया हाकम सिंह युवाओं के भविष्य के साथ किसकी शह पर खेल रहा है? कौन है हाकम सिंह का ‘हाकिम’ जो उसे ऐसे ही फलने-फूलने दे रहा है?”
माहरा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी इस प्रकार के खिलवाड़ को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगी। उनकी पार्टी पूरे प्रदेश में इस मुद्दे का पुरजोर विरोध करने का संकल्प ले चुकी है। उन्होंने कहा कि युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कांग्रेस हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
इस मुद्दे पर चल रहे विरोध और अरुचि को देखते हुए यहां सवाल यह उठता है कि क्या धामी सरकार इन घटनाओं से कुछ सीख लेगी, या फिर यूं ही अपने दावों पर अडिग रहेगी। उत्तराखंड के युवाओं की अधिकारों की रक्षा के लिए यह आवश्यक है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और ठोस उपाय करे।
इस प्रकार, करन माहरा का यह हमला सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि वह लाखों युवाओं की आवाज हैं जो अपने भविष्य के लिए सही दिशा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
ज्ञात रहे कि यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।
अधिक अपडेट के लिए, यहाँ क्लिक करें
इस लेख को संपादित किया स्वेता गुप्ता द्वारा, Team PWC News
What's Your Reaction?






