गणेश मार्तोलिया की नानी और बहन की जंगली मशरूम के सेवन से हुई दुखद मृत्यु

पिथौरागढ़। मुनस्यारी के धापा गांव में शनिवार की रात जंगली मशरूम खाने से कुमाऊंनी लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन दीया

Jul 16, 2025 - 00:53
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गणेश मार्तोलिया की नानी और बहन की जंगली मशरूम के सेवन से हुई दुखद मृत्यु

गणेश मार्तोलिया की नानी और बहन की जंगली मशरूम के सेवन से हुई दुखद मृत्यु

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पिथौरागढ़। मुनस्यारी के धापा गांव में शनिवार की रात को कुमाऊंनी लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन दीया और उनकी नानी कुंती देवी द्वारा जंगली मशरूम का सेवन करने के बाद अचानक उनकी सेहत बिगड़ गई। यह सूचनाएं हमारे स्थानीय समुदाय में एक गहरा सदमा लाने वाली हैं और इस घटना ने ना केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे क्षेत्र को भी प्रभावित किया है। इस बारे में हमारी विस्तृत रिपोर्ट में हम इस दुखद घटना के सभी पहलुओं का सामना करेंगे।

घटना का संक्षिप्त विवरण

शनिवार की रात, कुंती देवी और दीया ने जब जंगली मशरूम का सेवन किया, तो इसके बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी। उन्हें शीघ्र ही सीएचसी मुनस्यारी में भर्ती कराया गया, किन्तु उनकी स्थिति गंभीर होने की वजह से आगे उन्हें जिला अस्पताल पिथौरागढ़ और वहां से एसटीएच हल्द्वानी रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, रविवार की रात उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। सोमवार को उनके शवों का पोस्टमार्टम किया गया, जिससे उनके निधन की सही वजह का पता लगाया जा सकेगा।

गणेश मार्तोलिया का सांस्कृतिक योगदान

गणेश मार्तोलिया, जिन्हें 'पंचाचूली' जैसे प्रसिद्ध गीतों के लिए जाना जाता है, ने कुमाऊंनी लोक संगीत में अपने योगदान से न केवल संगीत को समृद्ध किया है बल्कि क्षेत्र की संस्कृति को भी जीवंत रखा है। इस दुःखद घटना ने उनके प्रशंसकों और परिवार को एक बड़े सदमे में डाल दिया है। उनके परिवार ने प्रियजनों को खो दिया है और यह एक ऐसा क्षण है जब पूरे समुदाय को उनके प्रति संवेदनाएं अर्पित करनी चाहिए।

जंगली मशरूम का सेवन: जानिए खतरे और उपाय

जंगली मशरूम का सेवन अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। बहुत सी जंगली मशरूम प्रकार के खतरे में होती हैं, जिनमें से कुछ अत्यधिक विषैले होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि लोग जंगली मशरूम के सेवन से पहले विशेषज्ञों से सलाह लें। ऐसी घटनाओं ने हमें यह विचार करने के लिए मजबूर किया है कि सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया जाए ताकि भविष्य में इसी प्रकार की त्रासदियों से बचा जा सके।

निष्कर्ष

गणेश मार्तोलिया की नानी और बहन का अचानक निधन न केवल उनके परिवार का बल्कि पूरे कुमाऊंनी समुदाय के लिए एक बड़ा झटका है। ऐसी घटनाओं से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि हम प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करते समय सतर्क रहें। परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ ना हों।

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