चम्पावत : एनएच पर 25 घंटे बाद सुचारू हुआ यातायात, भारी मशक्कत के बाद हटाया जा सका स्वांला का मलबा

चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 25 घंटे से अधिक समय बाद यातायात सुचारू हो पाया। एनएच चम्पावत से 22 किलोमीटर

Aug 10, 2025 - 09:53
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चम्पावत : एनएच पर 25 घंटे बाद सुचारू हुआ यातायात, भारी मशक्कत के बाद हटाया जा सका स्वांला का मलबा

चम्पावत : एनएच पर 25 घंटे बाद सुचारू हुआ यातायात, भारी मशक्कत के बाद हटाया जा सका स्वांला का मलबा

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चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 25 घंटे से अधिक समय बाद यातायात सुचारू हो पाया। यह घटना 9 अगस्त को सुबह 5:30 बजे हुई, जब स्वांला के पास भारी मलबा आने के कारण सड़क बंद हो गई थी। यह सड़क चम्पावत से 22 किलोमीटर दूर स्थित है, जहाँ भारी बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। जिला आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार, 10 अगस्त को सुबह 7 बजे से इस मार्ग पर आवागमन शुरू हो सका, जब अधिकारियों ने भारी मशक्कत के बाद मलबा हटाया।

मलबा हटाने की प्रक्रिया

स्वांला में आए मलबे को साफ करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और मशीनों की एक टीम जुटाई। बारिश के चलते स्थिति के गंभीर होने के कारण, मलबा हटाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन और अन्य संबंधित विभागों ने मिलकर प्रयास किया, ताकि यातायात को फिर से चालू किया जा सके।

स्थानीय अधिकारियों की पहल

इस घटना के बाद, जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ने तुरंत कार्रवाई की और मलबा हटाने के काम की निगरानी की। उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक संसाधन तैनात किए जाएं। उनकी तत्परता ने कार्य को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आखिरकार, यातायात को सामान्य करने में सफल रहे।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्वांला में मलबा आने के कारण स्थानीय निवासियों और यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने इस समस्या को लेकर अपनी चिंता जताई। जब यातायात सुचारू हुआ, तो स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।

कई लोगों ने यह सुझाव दिया है कि भविष्य में बेहतर नालियों का निर्माण और नियमित रखरखाव आवश्यक है ताकि ऐसी स्थितियों से बचा जा सके। इससे ना केवल यातायात को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय विकास में भी योगदान मिलेगा।

निष्कर्ष

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात के सुचारू होने के बाद, स्थानीय प्रशासन ने इस स्थिति के उचित प्रबंधन की ओर ध्यान केंद्रित किया है। यह घटना न केवल यातायात के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक सीख है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तत्परता और प्रभावी प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है।

इस घटना ने हमें एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि हम सभी को प्रकृति के साथ-साथ अपनी तैयारी और उत्तरदायित्व को भी समझना होगा। आगे देखते हैं कि इस अनुभव से हम क्या सीखते हैं और कैसे इसे और बेहतर किया जा सकता है।

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