तीन दिन से बंद टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच: व्यापारियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा
ट्रीटमेंट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी डेंजर जोन स्वांला में जस के तस बने हैं

टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच: व्यापारियों का आक्रोश
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कम शब्दों में कहें तो, टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पिछले तीन दिनों से बंद है, जिससे व्यापारियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया है।
टनकपुर और पिथौरागढ़ के बीच की ऑल वैदर सड़क स्वांला में पिछले तीन दिनों से बंद पड़ी हुई है। इस कारण यातायात ठप हो गया है, जिससे चम्पावत और लोहाघाट के व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। दमदार बारिश और अवरुद्ध सडक़ के कारण क्षेत्र में हालात बहुत गंभीर हो गए हैं।
सड़क बंद होने से उठे सवाल
प्रशासन ने आवाजाही को सुगम बनाने के लिए बड़े वाहनों को हल्द्वानी होते हुए और छोटे वाहनों को सिफ्टी नगरी के मार्ग से चलाने का निर्देश दिया है, लेकिन यह उपाय स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा। व्यापारियों का कहना है कि सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। यह स्थिति अब उनका धैर्य चुराने लगी है।
स्थानीय व्यापारियों की मांगें
स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने और सड़क के समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि बाजार में व्यापार ठप होने के कारण रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुएं भी नहीं मिल पा रही हैं। कई व्यापारियों ने तो यह भी कहा कि अगर समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वे विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।
आवागमन का संकट
सड़क के बंद होने से पहले, टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग था, जिससे वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता था। अब व्यापारियों और यात्रियों को दूसरे मार्गों से यात्रा करनी पड़ रही है, जिसमें समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है।
समुदाय का दबाव
इस मामले में स्थानीय समुदाय का दबाव जल्द ही प्रशासन पर बढ़ता जा रहा है। कई स्थानीय नेता भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय नागरिकों का स्पष्ट कहना है कि उन्हें प्रभावित होने से बचने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच के बंद होने की समस्या ने न केवल क्षेत्र के व्यापारियों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समुदाय में असंतोष पैदा कर दिया है। व्यापारियों का आक्रोश अभी और बढ़ सकता है यदि प्रशासन ने त्वरित कदम नहीं उठाए। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा, ताकि पिछले व्यापारिक संबंधों को फिर से स्थापित किया जा सके।
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सदस्य: रिया शर्मा, टीम PWC News
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