देवप्रयाग में भूस्खलन: नृसिंहगाचल पर्वत दरका, गंभीर हादसे में दो घायल

LANDSLIDE IN DEVPRAYAG: उत्तराखंड में इन दिनों मानसून की बारिश लगातार जारी है। भारी बारिश और भूस्खलन से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जगह जगह मोटर मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं। वहीं पहाड़ दरकने से लोगों की जान पर खतरा भी मंडरा रहा है। ताजा मामला देवप्रयाग क्षेत्र का है। संगम नगरी देवप्रयाग में सोमवार […] The post देवप्रयाग में भारी भूस्खलन, नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरका, मकान पर गिरे भारी बोल्डर और मलबा, दो घायल, कई वाहन दबे appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Jul 15, 2025 - 09:53
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देवप्रयाग में भूस्खलन: नृसिंहगाचल पर्वत दरका, गंभीर हादसे में दो घायल

देवप्रयाग में भूस्खलन: नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरका

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के देवप्रयाग में मानसून के लगातार बारिश ने हालात को अत्यंत गंभीर बना दिया है। हाल ही में हुए भूस्खलन ने नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरका दिया, जिससे भारी बोल्डर और मलबा सड़क पर गिर पड़ा। इस हादसे में दो लोग घायल हो गए और कई वाहन भी दब गए हैं।

भूस्खलन की घटना का कच्चा चिट्ठा

सोमवार, एक सामान्य दिन, लेकिन उत्तराखंड के देवप्रयाग क्षेत्र में यह दिन एक भयावह मोड़ ले गया। लगातार बारिश के कारण पहाड़ी से मूसलधार बारिश के बाद मिट्टी और पत्थरों का ढेर अचानक नीचे आ गिरा। नृसिंहगाचल पर्वत से गिरने वाले पत्थरों ने बाह बाजार के पास स्थित कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के तुरंत बाद, लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई। इस ट्रैजेडी का सबसे दुखद पहलू यह था कि इस दौरान दो मोटरसाइकिल और एक पिकअप भी बोल्डरों के नीचे दब गए हैं।

भूस्खलन के बाद की स्थिति

इस भूस्खलन ने केवल मानव जीवन को ही नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है। कई बिजली के खंभे टूट गए हैं, जिससे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। पौड़ी गढ़वाल के एसडीएम दीपक रामचंद्र सेठ ने कहा है कि राजस्व की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया है। संश्लेषण किए जाने वाले स्रोतों के अनुसार, जनहानि का आकलन करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

आगे की चुनौतियां और संभावनाएं

यह भूस्खलन केवल एक घटना नहीं है, बल्कि उत्तराखंड में मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ते खतरे की तरफ इशारा करता है। इस तरह की घटनाएं स्थानीय निवासियों की सुरक्षा, खासकर गांवों में, एक गंभीर चुनौती बन गई हैं। अनुमान के अनुसार, बरसात के मौसम में इसी तरह के और भी भूस्खलन हो सकते हैं, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए खतरा बढ़ता चला जा रहा है।

संभावित उपाय और आवश्यकताएँ

देवप्रयाग में हुए भूस्खलन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को गंभीरता से लेना आवश्यक है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को लागू करें और स्थानीय समुदाय को इससे जुड़ी सुरक्षित निर्णय लेने की प्रक्रिया में जागरूक करें।

आशा है कि घायल व्यक्तियों का शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होगा और बचाव कार्य प्रशासन द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किए जाएंगे। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे इस गंभीर स्थिति में प्रशासन का सहयोग करें। अधिक अपडेट के लिए जुड़ें रहें। पेट्रोलविधान के वेबसाइट पर जाएं.

यह लेख "टीम PWC News" द्वारा लिखा गया है।

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