यूसीसी लागू करने पर मुख्यमंत्री धामी का सम्मान - उत्तराखंड में ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू...

यूसीसी लागू करने पर मुख्यमंत्री धामी का सम्मान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने हेतु आयोजित एक विशेष सम्मान समारोह में भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की जनता का सम्मान है। धामी के अनुसार, राज्य की जनता के आशीर्वाद से ही UCC का सपना साकार हो सका है।
UCC का महत्व
मुख्यमंत्री ने बताया कि समान नागरिक संहिता का कार्यान्वयन केवल एक कानून नहीं, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का माध्यम है। UCC से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने जा रहे हैं, जो सामाजिक भेदभाव को समाप्त करेगा और समाज में स्थिरता को बढ़ावा देगा।
महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा में सुधार
धामी ने इस बात पर जोर दिया कि UCC में महिलाओं के अधिकारों का विशेष ध्यान रखा गया है। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने से बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित होने जा रही है। UCC का लागू होना न केवल कानूनी बदलाव लाएगा, बल्कि यह एक प्रगतिशील समाज की ओर बढ़ने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि UCC की यह गंगा न केवल उत्तराखण्ड प्रदेश में, बल्कि पूरे देश में फैलेगी। उनकी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता पर आधारित है। यह पहल देश की एकता को मजबूत बनाने में सहायक होगी और विभिन्न संस्कृतियों को आपस में जोड़ने का कार्य करेगी।
संविधान दिवस और बाबा साहेब का योगदान
धामी ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवम्बर को संविधान दिवस के राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए हैं, जिनमें दंगारोधी कानून और धर्मांतरण कानून शामिल हैं, जो सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
सम्मान समारोह में उपस्थित महत्वपूर्ण व्यक्तित्व
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, साध्वी रेणुका, स्वामी निरंजन चैतन्य महाराज, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक सुरेश गड़िया और सफीपुर (उन्नाव, यूपी) के विधायक बंबा लाल दिवाकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उनके योगदानों की सराहना की गई, जो उत्तराखण्ड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए हैं।
UCC के इस सम्मान से न केवल धामी के नेतृत्व को मान्यता मिली है, बल्कि यह उत्तराखंड की जनता के सामूहिक संघर्ष और एकता का प्रतीक भी है। यह कदम न केवल राज्य के भीतर, बल्कि अन्य प्रदेशों के लिए भी समरसता और समानता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
समान नागरिक संहिता का मुख्य उद्देश्य सभी नागरिकों को कानूनी दृष्टि से समान अधिकार प्रदान करना है। इसके लागू होने से भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की भी रक्षा सुनिश्चित होगी, जो एक समृद्ध और विकासशील समाज की पहचान बनाती है।
कम शब्दों में कहें तो, UCC लागू करने का कदम उत्तराखंड में न केवल समाज को जोड़ने में मदद करेगा, बल्कि यह पूरे देश की सामजिक धारा को भी आगे बढ़ाएगा। इसके लाभों के साथ-साथ इसे सही रूप से लागू करना आवश्यक होगा। इसके परिणाम स्वरूप, हमें एक बेहतर, सुरक्षित और समान समाज देखने को मिल सकता है।
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— राधिका मेहरा, Team PWC News
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