रिलायंस ने रूस की सरकारी तेल कंपनी के साथ की 10 साल की डील, जानिए कितनी बड़ी मात्रा में खरीदा जाएगा तेल
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत ने अक्टूबर में रूस से दो अरब यूरो मूल्य का कच्चा तेल खरीदा। यह पिछले महीने के 2.4 अरब यूरो से कम है। चीन ने अक्टूबर में रूस के कच्चे तेल के निर्यात का 47 प्रतिशत खरीदा।
रिलायंस और रूस की सरकारी तेल कंपनी का समझौता
हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रूस की सरकारी तेल कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण 10 वर्ष की डील की है। यह डील न केवल भारतीय ऊर्जा बाजार में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों का भी प्रतीक है। इस सौदे के तहत रिलायंस बड़ी मात्रा में तेल खरीदेगा, जिसका उद्देश्य भारतीय बाजार में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करना है।
एल एन जी और कच्चे तेल की आपूर्ति
इस समझौते के तहत, रिलायंस ने रूस से एल एन जी और कच्चे तेल की बड़ी मात्रा में आपूर्ति सुनिश्चित की है। यह समझौता रिलायंस के लिए एक रणनीतिक कदम है, क्योंकि यह उसे स्थानीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान
रूस से तेल का आयात भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह डील भारत को कच्चे तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे देश के ऊर्जा संकट को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह डील भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगी।
डील की मात्रा और प्रभाव
इस समझौते के तहत कितनी मात्रा में तेल खरीदा जाएगा, यह जानना भी महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रिलायंस ने इस डील में 5 करोड़ बैरल से अधिक कच्चे तेल की आपूर्ति की योजना बनाई है। यह संख्या भारतीय बाजार के लिए एक बहुत बड़ी मात्रा है और यह उद्योग के लिए नया मानक स्थापित कर सकती है।
निष्कर्ष
रिलायंस का यह 10 वर्ष का समझौता नई संभावनाओं का दरवाजा खोलता है, जो भारतीय ऊर्जा क्षेत्र की स्थिरता और विकास में सहायता करेगा। व्यापारिक दृष्टि से यह एक संतोषजनक कदम है, जो भारतीय कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में लाभ पहुंचाएगा। Keywords: रिलायंस रूस तेल डील, भारत ऊर्जा सुरक्षा, कच्चा तेल खरीद, रिलायंस इंडस्ट्रीज समझौता, भारतीय ऊर्जा बाजार, रूस सरकारी तेल कंपनी, भारत रूस व्यापार संबंध, तेल आयात मात्रा, संभावित ऊर्जा संकट, एल एन जी वैकल्पिक ऊर्जा.
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