विशाल और भव्य होगा विभीषिका दिवस कार्यक्रम, मुख्यमंत्री सहित कई हस्तियां होंगी कार्यक्रम में शामिल
खटीमा। उत्तरांचल पंजाबी महासभा (उपमा ) द्वारा भारत विभाजन की पीड़ा वाला दिवस इस वर्ष भव्य और काफ़ी विशाल तरीक़े

विशाल और भव्य होगा विभीषिका दिवस कार्यक्रम, मुख्यमंत्री सहित कई हस्तियां होंगी कार्यक्रम में शामिल
खटीमा। उत्तरांचल पंजाबी महासभा (उपमा) द्वारा भारत विभाजन की पीड़ा वाला दिवस इस वर्ष भव्य और काफ़ी विशाल तरीक़े से मनाया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शामिल होने की अपनी औपचारिक सहमति दे दी है। खटीमा स्थित लोक निर्माण के अतिथि गृह में सीएम से मिलने के बाद उपमा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव घई एवं वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने इस कार्यक्रम की योजना को अंतिम रूप दिया।
कार्यक्रम की विशेषताएं
विभीषिका दिवस कार्यक्रम में न केवल मुख्यमंत्री बल्कि हस्तियों का एक भव्य पैनल भी शामिल होगा। यह आयोजन विभाजन के समय भारत के लाखों लोगों द्वारा सहन की गई तकलीफों को याद करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। आयोजकों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, वक्तव्यों, और प्रकाशनों की योजना बनाई है जो इस घटनाक्रम को गर्व के साथ स्मरण कराने का उद्देष्य रखती हैं।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
यह कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की राजनीतिक और सामाजिक एकता को भी दर्शाता है। विभाजन के समय के अनुभवों को साझा करने से न केवल इतिहास का पुनः मूल्यांकन होगा, बल्कि यह नई पीढ़ी के लिए एक सीख देने का काम भी करेगा। इस प्रकार के आयोजनों से लोगों में देशप्रेम और एकता का संदेश फैलता है।
सामाजिक अनुसंधान और सामुदायिक भागीदारी
उपमा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय जनता की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। आयोजकों का मानना है कि समुदाय का जुड़ाव और उनके अनुभवों को साझा करने से कार्यक्रम की गरिमा और भी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही, आयोजकों को उम्मीद है कि इससे नई पीढ़ी में इतिहास के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार, विभीषिका दिवस के आयोजन की तैयारी से यह स्पष्ट होता है कि यह कार्यक्रम भव्य और धूमधाम से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री समेत कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति से आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया गया है। हम सभी को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि ऐतिहासिक घटनाओं को इस प्रकार से स्मरण करने से न केवल हमारे इतिहास को जीवित रखा जा सकता है, बल्कि यह सामाजिक एकता का भी प्रतीक बनता है।
खटीमा में होने वाले इस आयोजन को लेकर लोगों में समर्पण और उत्साह की कमी नहीं है। सामुदायिक भागीदारी और सक्रियता इस आयोजन की मुख्य विशेषता होगी। इस भव्य सुबह का इंतजार करना चाहिए, जब हम सब मिलकर विभाजन की पीड़ा को याद करेंगे और इसे गर्व से मनाएंगे।
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